हमारा महत्वपूर्ण प्रकाशन

June 1968

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

“हमारी साहित्यिक गतिविधियाँ क्या हैं” इस संबंध में अनेक महानुभाव पत्र लिख कर पूछा करते हैं। अपने जीवन में जो आध्यात्मिक एवं साधनात्मक उपलब्धियाँ हैं, उनका प्रकाश जन-साधारण तक पहुँचाने की यह विचार-प्रक्रिया हमारे जीवन का विशिष्ट अंग रही है। इस संस्थान ने व्यक्ति और समाज को नव-निर्माण की प्रेरणा देने वाला अलभ्य साहित्य प्रकाशित किया। वेद उपनिषद् दर्शन आदि आर्ष साहित्य तो लिखा ही है, अन्य छोटी-छोटी पुस्तकें भी लिखी हैं, जिन्हें पढ़ कर लोग आध्यात्मिक साधना, उपासना, जीवन-निर्माण, परिवार-निर्माण और समाजोत्थान का कार्य बिना किसी पथ-प्रदर्शन के भी कर सकते हैं। इन पुस्तकों से सैकड़ों हजारों लोगों ने लाभ उठाया है- अन्धकार में प्रकाश पाया है।

अपने सभी परिजनों को उसकी विस्तृत जानकारी देने के लिये यहाँ सम्पूर्ण प्रकाशन की सूची दे रहे हैं, इससे पत्र लिख कर पूछने वाली कठिनाई हल्की होगी और इस साहित्य से लाभ उठाने का अवसर भी मिलेगा।

गायत्री महाविज्ञान (तीनों भाग)

प्रथम भाग- गायत्री विद्या का वैज्ञानिक आधार, गुप्त शक्तियों का रहस्य, नित्य उपासना, अनुष्ठान-विधि, गायत्री संबंधी शंकाओं का समाधान, अनेक कष्टों का निवारण एवं अनेक कामनाओं की पूर्ति के लिए लगाये जाने वाले बीज-मन्त्रों का साधना विधान, आत्म-साक्षात्कार एवं ऋद्धि-सिद्धियों का मार्ग, स्त्रियों की विशेष उपासना-विधियाँ आदि अनेक महत्वपूर्ण विषयों का सुबोध ढंग से प्रतिपादन। मूल्य 3.50

द्वितीय भाग- गायत्री द्वारा वाममार्गी तान्त्रिक विधान के अनुसार मारण, मोहन, उच्चाटन, वशीकरण, मुद्रा आदि के अनेक विधानों का वर्णन तथा गायत्री गीता, गायत्री स्मृति, गायत्री संहिता, गायत्री उपनिषद्, गायत्री रामायण, गायत्री हृदय, गायत्री पंजर, गायत्री लहरी, गायत्री सहस्त्रनाम आदि का संग्रह। मूल्य 3.50

तृतीय भाग- गायत्री महामन्त्र द्वारा 24 प्रकार के योगाभ्यासों की साधना विषयक विधान। जपयोग, प्राणयोग, शब्द-योग, नाद-योग, हठयोग, कुण्डलिनी-योग, षट्चक्र-वेधन की साधनायें तथा अन्नमय-कोष, मनोमय-कोष, प्राणमय कोष को सिद्ध करने के रहस्यमय मार्ग का दिग्दर्शन। मूल्य 3.50

गायत्री यज्ञ विधान (दोनों भाग)

प्रथम भाग- गायत्री यज्ञ का विज्ञान, लाभ एवं महत्व का तर्क, प्रमाण शस्त्र एवं विज्ञान के आधार पर बहुत ही खोजपूर्ण वर्णन। मूल्य 2.00

द्वितीय भाग- गायत्री यज्ञ करने की शास्त्रोक्त विधि प्रक्रिया, जलयात्रा, मण्डप प्रवेश, वेदी पूजन, कुशकण्डिका, अग्निस्थापन, आहुति मन्त्र, पूर्णाहुति, वसोधारा, घृत अवघ्राण, भस्मधारण, अभिसिंचन आदि का पूरा विधि-विधान, जिसे समझ कर बड़े यज्ञों का आचार्यत्व किया जा सकता है। मूल्य 2.00

3. गायत्री चित्रावली

विविध प्रयोजनों के लिए गायत्री माता का ध्यान करने योग्य आर्ट पेपर पर छपे 24 तिरंगे चित्र तथा सरल भाषा में उनका महत्व प्रतिपादन। मूल्य 1.50

4. गायत्री का मन्त्रार्थ

अनेकों ग्रन्थों में, अनेकों ऋषियों द्वारा गायत्री महामन्त्र के अनेकों प्रकार से किए हुए अर्थों का संग्रह, राक्षस राज रावण का किया हुआ अर्थ भी इसमें है। मूल्य 1.50

5. छोटा गायत्री प्रचार साहित्य-सेट 1.25

6. संक्षिप्त हवन-विधि 0.20

7. दैनिक साधना विधान 0.20

8. गायत्री माता के तिरंगे चित्र, चालीसा 6-6 पैसे और युग-निर्माण सत्संकल्प 2 पैसे डडडड


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:


Page Titles






Warning: fopen(var/log/access.log): failed to open stream: Permission denied in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 113

Warning: fwrite() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 115

Warning: fclose() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 118