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September 1961

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विषयों को जीतने का स्वर्ग नियम राम नाम अथवा ऐसी ही कोई अन्य पात्र होता है। अपनी अपनी भावना के अनुसार किसी भी मंत्र का जप किया जा सकता है। मुझे लड़कपन से रामनाम सिखाया गया और मुझे बराबर उसका सहारा मिलता रहा। पर जिस किसी मंत्र को हम जपें, उसे हमें तल्लीन हो जाना चाहिये। मंत्र जपते समय दूसरे विचार आवे, तो परवाह नहीं। यदि हम श्रद्धा रखकर मंत्र का जप करते रहेंगे तो अन्त में सफलता अवश्य प्राप्त करेंगे, मुझ इसमें रत्ती भर भी शक नहीं यह मंत्र हमारी जीवन डोर होगी और हमको तमाम संकटों से बतायेगा ऐसे पवित्र मंत्र का उपयोग किसी आर्थिक लाभ के लिए हरगिज न करना चाहिए। यह भी याद रखना चाहिए कि तोते की तरह इस मंत्र को न पढ़ें। इसमें अपनी आत्मा पूरी तरह से लगा देनी चाहिए। तोता यत्र की तरह मंत्र की पड़ते है, हमको उसे ज्ञानपूर्वक पढ़ना चाहिए।

-महात्मा गाँधी


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