गायत्री की जयन्ती

June 1954

Read Scan Version
<<   |   <  | |   >   |   >>

जेष्ठ सुदी 10 तारीख 10 गुरुवार को गायत्री जयन्ती है। इस तिथि को वह महा ज्ञान गंगा ब्रह्मा के अन्तराल से निकलकर मानव जाति के समक्ष प्रकट हुई थी। इसी दिन भगीरथ जी परम पावनी गंगा माता को स्वर्ग से पृथ्वी लाने में समर्थ हुए थे। इस प्रकार गायत्री और गंगा की जन्म जयन्ती यह गंगा दशहरा ही है। यह हमारा परम पावन पुनीत पर्व है।

गायत्री जयन्ती के दिन हम सबको यथा सम्भव श्रद्धाँजलि अर्पित करनी चाहिए। जप, हवन, व्रत, उपवास, पाठ, दान, मौन ब्रह्मचर्य, प्रवचन, मंत्र, लेखन आदि शुभ कार्य हमें व्यक्तिगत तथा सामूहिक रूप से अधिकाधिक उत्साहपूर्वक बड़े परिमाण में प्रयत्न करना चाहिए।

गायत्री ज्ञान का प्रसार भी इस अवसर का श्रेष्ठ काम है। गायत्री माता की महिमा एवं शक्ति को घर-घर पहुँचाने के लिए जो संकल्प गायत्री संस्था की ओर से लिया गया है वह अभी आधे के करीब अपूर्ण पड़ा हुआ है। उसकी पूर्ति करना हम सब का परम पवित्र उत्तरदायित्व है। अपने परिचितों एवं मित्रों को अखण्ड ज्योति का सदस्य बनाकर गायत्री साहित्य पड़ने के लिये प्रोत्साहन देकर हमें उस कर्त्तव्य की पूर्ति में हमें योग देना और गायत्री का प्रचार भी आवश्यक धार्मिक कृत्य है।


<<   |   <  | |   >   |   >>

Write Your Comments Here: