Quotation

September 1951

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-जिस समय मनुष्य को उसके उज्ज्वल स्वरूप का भव्य ज्ञान प्राप्त हो जाता है, वह आनन्द विभोर हो जाता है। ज्ञान और इच्छा के क्षेत्रों में जो कुछ दिव्य, भव्य और प्रशंसनीय है, वह अनायास ही उसके सामने हाथ जोड़ कर खड़ा हो जाता है।

-डा. पाल ब्रन्टन


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