हम लोग अवश्य ही अपने पूर्वजों से अधिक पढ़े हुए और वैज्ञानिक हैं। पर यह नहीं कहा जा सकता कि उनसे हम पाशविक और अधिक मानव हृदय वाले हैं।
-सर एस. राधाकृष्णन।