कामनाएं

October 1948

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

(1) क्या बतायें कामनाएं, एक आयें, एक जायें। एक कहती - देश का बन भक्त जग में नाम कर ले। एक कहती - मुक्ति के हित भ्रमण चारों धाम कर ले।। एक कहती - चल कहीं एकाँत में हरि गान गायें। क्या बताएं कामनाएं, एक आयें एक - जायें।।

(2) एक कहती - एक प्याला और पीले और पीले। एक कहती - मौत अच्छी, एक - कहती और जीले। एक कहती - नर्क में ही स्वर्ग के सब सुख उठाये। क्या बताएं कामनाएं, एक आयें, एक जायें।।

(3) एक कहती - पाप मत कर, एक कहती - पाप कर ले। एक कहती - पुण्य करके ताप तीनों आप हर ले।। एक कहती - झूँठ हैं ये पाप पुण्यों की कथाएं। क्या बताएं कामनाएं, एक आयें, एक जायें।।

(4) एक कहती - सत्य हैं सब, एक कहती - खेल है रे। दीप तब तक जल रहा है, देख जबतक तेल है रे।। झूठ जग के नेह नाते छोड़ दे ये कल्पनाएं। क्या बताएं कामनाएं, एक आयें, एक जायें।

----***----

*समाप्त*


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:







Warning: fopen(var/log/access.log): failed to open stream: Permission denied in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 113

Warning: fwrite() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 115

Warning: fclose() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 118