अप दुष्कृता न्यजुष्टान्यारे।
दुराचार और दुर्विचार दूर रक्खो।
भर्गोयशः सह ओजो वयो बलम्।
तेज यश सहन शक्ति शारीरिक शक्ति दीर्घ आयु तथा आत्मिक बल प्राप्त करने चाहिये।
मधुमन्मे विष्क्रमणं मधुमन्मे परायणं।
मेरे चाल चलन और मेरे बर्ताव मीठे रहें।
मीश्रु तेन विराधिषि।
ज्ञान के साथ कभी विरोध न करो।
प्रचेता दुरिता न्यजुष्टान्यारे।
ज्ञानी दुर्गति और पाप से बचावे।
रमन्ता पुण्या लक्ष्मीर्या पपीस्ता अनीशम्
पुण्य की कमाई मेरे घर की शोभा बढ़ावें
पाप की कमाई को मैं नष्ट कर देता हूँ।
स्वस्ति पन्थामनुचय।
हम कल्याण मार्ग के पथिक बनें।
आरोह तमस्यो ज्योतिः।
अन्धकार से निकलकर प्रकाश की ओर आओ।
हेत्या हेतिरसि।
हे मनुष्य तू शास्त्रों का शास्त्र है।
प्रति सरोऽसि प्रत्यभिचरणोऽसि।
तू आगे बढ़ने वाला है और तू दुष्टता पर हमला करने वाला है।