सूत बनना अच्छा है सुई होना ठीक नहीं, क्योंकि सुई तो दूसरी वस्तु में छेद करती है और सूत इतना परोपकारी है कि अपना अंग देकर खाली स्थान को पूरा करता है।
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समुद्र में एक बार गोता लगाने से मोती न मिले तो दूसरी बार गोता लगाओ मोती अवश्य ही मिलेगा, एक बार गोता लगाने से मोती न मिलने पर यह न समझना चाहिए कि समुद्र में मोती हैं ही नहीं।
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अधर्ममय और अनीतिवान मित्र के बजाए धर्म और नीतियुक्त शत्रु अच्छा है।