स्वच्छता मनुष्यता का गौरव

मल-मूत्र का आर्थिक महत्व, उसका सदुपयोग

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आजकल विकसित देशों में मल-मूत्र का खाद के लिए बहुत अच्छा उपयोग किया जाता है। साधारणतया एक फसल उगाने के बाद जमीन का नाइट्रोजन तत्व कम पड़ जाता है। फास्फोरिक एसिड तथा पोटाश की कमी से भी उपजाऊपन कम हो जाता है। यह तीनों तत्व मानवीय मल-मूत्र से प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हो जाते हैं। जापान के सरकारी कृषि केन्द्रों से प्रसारित आँकड़ों में दिखाया गया है कि वहाँ प्रति व्यक्ति वर्ष भर में १२० पौण्ड मल और ७०० पौण्ड मूत्र इकट्ठा होता है। इस मल में नाइट्रोजन, फास्फोरिक एसिड तथा पोटाश की मात्र क्रमशः १२० पौण्ड, ४१ पौण्ड होती है। यह मात्रा प्राकृतिक साधनों से प्राप्त किये गये तत्वों का दशांश होती है। इससे मालूम होता है कि मनुष्य का मल-मूत्र कृषि के लिए खाद की बहुत बड़ी आवश्यकता को पूरा कर सकता है।
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