कष्टों का अपना स्वाद और प्रतिफल है (Information)

November 1996

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भगवान श्रीकृष्ण ने किसी बात पर प्रसन्न होकर कुन्ती से वरदान माँगने को कहा। कुन्ती बोली-”मुझे कठिनाइयों से जूझने और समस्याओं को सुलझाने के अवसर मिलते रहें।” कृष्ण ने आश्चर्य से पूछा-ऐसा तो कोई नहीं माँगता।

कुन्ती का उत्तर था- “तभी तो लोग साहसी, दूरदर्शी और प्रतिभावान नहीं बन पाते। कष्टों का अपना स्वाद और प्रतिफल है।”


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