VigyapanSuchana

July 1968

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महत्तम गायत्री पुरश्चरण में हम सभी भागीदार हों :-

अखण्ड-ज्योति परिजनों द्वारा 24 लक्ष जप प्रतिदिन करने का जो महत्तम गायत्री पुरश्चरण चल रहा है, उसमें हममें से प्रत्येक को भाग लेना चाहिये। अप्रैल अंक में इस सम्बन्ध में बहुत कुछ बताया जा चुका है। उसे ध्यानपूर्वक पढ़ा जाय। और इस साधना पद्धति को अपनाने का प्रयत्न किया जाय।

यह साधना क्रम सर्व साधारण के लिए सरल है। साथ ही अति महत्वपूर्ण एवं प्रभावशाली है। इसमें सम्मिलित रहने से हम अपना भी और समस्त समाज एवं विश्व का भी कल्याण कर सकेंगे।

अब तक जिन सज्जनों ने ऋत्विज का उत्तरदायित्व ग्रहण किया है और अपने साथ अनेक साधक तत्पर किये हैं, उन सबको बधाई। साथ ही दूसरों से भी अनुरोध है कि वे भी इस महान साधना उपक्रम में भागीदार बनें।


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