Quotation

February 1958

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

=================================

प्रो. “अवधूत” (गूढ़ कन्त्र विद्या विशारद)

अभी कुछ महीनों की साधना उपासना के लिए गोरेगाँव (बम्बई) से श्री आचार्य जी के पास तपोभूमि मथुरा में आ गये हैं। इसलिए जो सज्जन उनसे पत्र व्यवहार करे वे अब “गायत्री तपोभूमि, मथुरा” के पतेदार पत्र भेजें।

=================================

वर्ष-19 संपादक- श्रीराम शर्मा, आचार्य अंक-2


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:


Page Titles