स्वार्थ और परमार्थ का असाधारण समन्वय

May 1980

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ह्र;द्धष्ठह्फ्ह् ब्द्म॥द्म स्रद्ध ठ्ठक्वद्ध"क ष्द्दह्नह् द्दद्ध द्यड्डस्रद्ध.र्द्मं द्दद्मह्य] क्द्मस्द्भ ठ्ठद्म;द्भद्म फ्ख्ब्द्भ स्रह्य ॥द्मह्नह्वफ्ह्य ह्लस्द्यद्म म्द्मह्नठ्ठभ् ष्ह्वद्म द्धब्;द्म फ्;द्म द्दद्मह्य ह्द्मह्य ड्ढद्धठ्ठभ्; द्धब्ढ्ढद्यद्म क्द्मस्द्भ द्यड्डश्च; ह्क्व".द्मद्म द्दद्ध ह्लद्धशह्व द्यश्वद्बठ्ठद्म स्रद्मह्य द्धह्वफ्ब् ह्लद्मह्वह्य स्रह्य द्धब्, द्ब;र्द्मंढ्ढह् द्दस््न स्रद्मह्यंघद्दख् स्रह्य ठ्ठद्मह्य ष्ह्यब्ह्व फ्ह्वह्य स्रद्मह्य द्बह्यब्ह्ह्य द्धह्वश्चद्मह्यरु+ह्य द्भद्दह्ह्य द्दस््न द्गह्वह्न"; ह्लद्धशह्व स्रद्म क्द्गख्घ; क्शद्यद्भ ॥द्मद्ध फ्ह्वह्य स्रद्ध ह्द्भद्द ब्द्मह्य॥द्म&द्गद्मह्यद्द स्रद्ध श्चष्ठस्रद्ध द्गड्डह्य द्धद्बद्यह्द्म क्द्मस्द्भ श्चस्रह्वद्म श्चख्द्भ द्दद्मह्यह्द्म द्भद्दह्द्म द्दस््न म्द्मह्नठ्ठभ्ह्द्म स्रद्ध द्यड्डस्रद्ध.र्द्मं ठ्ठक्वद्ध"क ड्ढह्ह्वह्य द्गह्यड्ड ॥द्मद्ध रुशद्मस्नर्द्मं द्धद्य) द्गद्मह्व द्यस्रह्द्ध द्दस््न रुशद्मरुस्न; स्रद्मह्य श्चद्मस्द्बंक स्रद्भह्वह्य शद्मब्द्म रुशद्मठ्ठद्दद्ध द्धह्लद्दह्य ॥द्मद्मद्भद्ध ब्द्म॥द्म द्बभ्ह्द्धह् द्दद्मह्यह्द्म द्दस् क्द्मस्द्भ ह्लद्मह्य ॥द्मद्मह्यह्लह्व स्रद्ध द्दद्मह्यब्द्ध ह्लब्द्मह्ह्य द्दह्न, द्धश"द्म;द्मह्वठ्ठ ब्ख्कह्ह्य द्दस्] द्वह्वद्यह्य स्रद्मह्यर्ड्ढं ष्ठ;द्म स्रद्भह्य झ्र द्बद्भ द्धह्लह्वद्गह्यड्ड ह्द्धह्वस्र ॥द्मद्ध ठ्ठख्द्भ ठ्ठक्वद्ध"क द्दस् शह्य ;द्द क्ह्द्भ द्धस्र;ह्य द्धष्ह्वद्म ह्वद्दद्ध स्रद्भ द्यस्रह्ह्य द्धस्र स्रद्म;द्म स्रद्ध ह्द्धह्वस्र द्यद्ध] म्द्म.द्म ॥द्मद्भ स्रद्मह्य फ्ह्नठ्ठफ्ह्नठ्ठद्ध द्यह्य रुशद्मस्नर्द्मं द्य/द्मह्द्म द्दस््न क्स्नद्मशद्म द्यह्नह्र;शरुस्नद्मद्म ,शड्ड द्यह्नद्यश्व॥द्मद्मशह्वद्म स्रद्ध द्धठ्ठ'द्मद्म क्द्बह्वद्मह्वह्य द्गह्य्न

;द्धठ्ठ शरुह्ह्नह्त्न रुस्नद्मद्मस्नर्द्मं द्धद्यद्ध) द्दद्ध क्॥द्मद्ध"क द्दद्मह्य ह्द्मह्य द्वद्यस्रह्य द्धब्, ष्द्मह्यरुद्ध ठ्ठख्द्भ ठ्ठद्ध'र्द्मंह्द्म क्द्बह्वद्मह्वह्य क्द्मस्द्भ ॥द्मद्धह्रद्म"; स्रद्ध ष्द्मह् द्यद्मह्यश्चह्वह्य स्रद्म ॥द्मद्ध स्र"क द्वक्चद्म;द्म ह्लद्मह्वद्म श्चद्मद्धद्द,्न द्यश्वद्बठ्ठद्म द्धस्रह्ह्वद्ध द्दद्ध क्द्मस्र"र्द्मंस्र ष्ठ;द्मह्यड्ड ह्व द्दद्मह्य द्वद्यस्रद्म द्वद्ब;द्मह्यफ् ष्द्दह्नह् द्दद्ध द्यद्धद्धद्गह् द्दस् द्वद्ब॥द्मद्मह्यफ् स्रद्ध हृद्मह्यंकद्ध द्यद्ध द्ग;र्द्मंठ्ठद्म द्दस् ह्व द्वद्यस्रद्म क्द्यद्धद्ग ॥द्मद्मभ् द्वद्ब;ह्नु द्दस् क्द्मस्द्भ ह्व द्यड्डश्च;्न ठ्ठद्मह्यह्वद्मह्यड्ड द्दद्ध द्गद्मफ् क्द्मस्र"र्द्मंस्र क्द्मस्द्भ ष्द्दह्न द्बभ्श्चद्धब्ह् ॥द्मब्ह्य द्दद्ध ब्फ्ह्ह्य द्दद्मह्य] क्ह्ह्त्न क्ह्वह्यस्रद्मह्य द्धश—द्धह्;द्मँ ,शड्ड द्यद्गरु;द्म, द्वक्रद्बह्व स्रद्भह्ह्य द्दस््न द्यक्कश्चह्य क्स्नद्मद्मर्ह्यं द्गह्यड्ड ब्द्म॥द्मद्मद्धशह् द्दद्मह्यह्वह्य स्रद्म ,स्र द्दद्ध द्भद्मरुह्द्म द्दस््न ह्र;द्धष्ठह्क्रश स्रद्म द्धह्वद्गर्द्मं.द्म्न ड्ढद्यद्ध स्रद्मह्य क्/;द्मक्रद्ग स्रद्ध ॥द्मद्म"द्मद्म द्गह्यड्ड क्द्मक्रद्गद्मह्यस्रद्ब] क्द्मक्रद्ग स्रंघ;द्म.द्म स्रद्दह्ह्य द्दस््न ड्ढद्य द्धठ्ठ'द्मद्म द्गह्यड्ड ह्लद्मह्य द्धह्लह्ह्वद्म द्यक्तब् द्दद्मह्य द्यस्रद्म द्यद्ग>ह्वद्म श्चद्मद्धद्द, द्वद्यह्वह्य द्वह्ह्वद्म द्दद्ध शस्॥द्मश स्रद्गद्म;द्म्न द्दद्धह्वह्द्म द्यह्य फ्भ्द्धद्यह्द्मह्यड्ड स्रद्मह्य ह्व द्यश्वद्बठ्ठद्म द्यह्न[द्म ठ्ठह्यह्द्ध द्दस् क्द्मस्द्भ ह्व क्ह्वह्नस्रख्ब्ह्द्म द्यह्य द्बभ्फ्द्धह् द्दद्मह्यह्द्ध द्दस््न

ह्र;द्धष्ठह्क्रश द्दद्ध द्बद्मद्भद्य द्दस्] ह्लद्मह्य द्धह्लद्य शरुह्ह्न] ह्र;द्धु] ह्स्न; ;द्म ब्म्; द्यह्य रुद्ब'र्द्मं स्रद्भह्द्म द्दस् द्वद्यह्य रुश.र्द्मं ह्लस्द्यद्म ;श्वद्गद्मद्धह्वह् स्रद्भ ठ्ठह्यह्द्म द्दस् ह्र;द्धुक्रश द्दद्ध क्द्गक्वह् द्दस्] द्धह्लद्यस्रद्ध क्द्गद्भह्द्म स्रह्य द्यद्मस्नद्म ह्लह्नरु+द्ध द्दह्नर्ड्ढं फ्द्धद्भद्गद्म म्द्मद्गह्द्म ,शड्ड द्धह्वद्ध'श्चह्ह्द्म स्रह्य ह्क्रश द्धशस्त्रद्गद्मह्व द्दस््न ह्र;द्धुक्रश द्दद्ध स्रंघद्ब शक्वम्द्म द्दस् द्धह्लद्यस्रह्य द्यश्वद्बर्स्रं द्गह्यड्ड क्द्मह्वह्य शद्मब्ह्य द्दद्भ ठ्ठक्वद्ध"क द्यह्य ब्द्म॥द्मद्मद्धशह् द्दद्मह्यह्ह्य द्भद्दह्ह्य द्दस् ड्ढद्य द्यड्डद्यद्मद्भ द्गह्यड्ड क्फ्द्ध.द्मह् द्यश्वद्बठ्ठद्म, द्यक्तब्ह्द्म, द्धशस्त्रद्गद्मह्व द्दस््न छ्वह्य;&द्यश्वद्गद्मह्व ठ्ठह्यह्वह्य स्रह्य द्धब्, द्यड्डद्यद्मद्भ क्द्मह्ह्नद्भ द्दस््न ह्व द्यद्द;द्मह्यद्धफ्;द्मह्यड्ड स्रद्ध स्रद्गद्ध द्दस््न ह्व द्यद्गस्नर्द्मंस्रद्मह्य क्द्मस्द्भ ह्व क्ह्वह्न;द्मद्ध;;द्मह्यड्ड स्रद्ध] द्धस्रह्ह्न शद्द द्यद्गरुह् द्धश॥द्मख्द्धह्;द्मँ द्गद्म= ह्र;द्धष्ठह्क्रशशद्मह्वद्मह्यड्ड स्रह्य द्धब्, द्यह्नद्भद्धम्द्मह् द्दस््न ;द्दद्मँ ह्स्र द्धस्र द्बद्भब्द्मह्यस्र क्द्मस्द्भ ठ्ठस्शद्ध क्ह्वह्नफ्भ्द्द ॥द्मद्ध द्वद्दद्ध स्रद्ध द्बभ्ह्द्धम्द्मद्म रुशफ् ,शड्ड शद्भठ्ठद्मह्व ठ्ठह्यह्वह्य स्रह्य द्धब्, ?द्मद्धरु;द्मँ द्धफ्ह्वह्द्म द्भद्दह्द्म द्दस््न

क्ड्ड/द्मह्य स्रह्य द्दद्मस्नद्म ष्कह्यद्भ द्बरु+ह्वद्म क्द्मस्द्भ क्द्मद्यद्गद्मह्व द्यह्य द्दद्धद्भह्य ष्द्भद्यह्वह्य ब्फ्ह्वद्म ठ्ठख्द्यद्भद्ध ष्द्मह् द्दस््न द्बद्भ द्यद्म/द्मद्मद्भ.द्म द्धह्व;द्ग ;द्दद्ध श्चब्ह्द्म द्दस् द्धस्र ॥द्मद्मस्ह्स्र म्द्मह्य= स्रद्ध द्बभ्द्धह्॥द्मद्म, क्द्बह्वह्य रुह्द्भ स्रद्ध द्यक्तब्ह्द्म, द्बद्मह्द्ध द्दस् क्द्मस्द्भ क्द्मद्धक्रद्गस्र म्द्मह्य= स्रद्ध क्द्बह्वह्य <ड्डफ् स्रद्ध द्धद्यद्ध);द्मँ द्वद्बद्मद्धर्ह्लंह् स्रद्भह्द्ध द्दस््न द्दद्धह्वह्द्म ह्द्मह्य ठ्ठद्मह्यह्वद्मह्य द्दद्ध म्द्मह्य=द्मह्यड्ड द्गह्यड्ड द्धह्द्भरु—ह् द्दद्मह्यह्द्ध द्दस््न द्वद्बद्दद्मद्भद्मह्य क्द्मस्द्भ क्ह्वह्नठ्ठद्मह्वद्मह्य स्रद्म घद्मद्म॥द्म द्बभ्क्र;द्मम्द्म द्गह्यड्ड ॥द्मद्ध द्धशद्ध'द्म"कद्मह्यड्ड स्रद्मह्य द्दद्ध द्धद्गब्ह्द्म द्दस््न शद्भठ्ठद्मह्व क्द्मस्द्भ द्धश॥द्मख्द्धह्;द्मँ द्बद्भद्धम्द्म द्गह्यड्ड ॥द्मद्ध शद्धद्भ"क्चद्मह्यड्ड स्रह्य द्दद्ध द्बंघब्ह्य द्बरु+ह्द्ध द्दस््न 'द्मह्य"द्म क्द्यक्तब्ह्द्मक्द्मह्यड्ड स्रद्म ठ्ठद्मह्य"द्म द्धह्लद्य द्धह्द्य द्बद्भ द्ग<ह्ह्य द्दह्न, द्गह्व द्गद्यद्मह्यद्यह्ह्य क्द्मस्द्भ द्धस्रद्यद्ध द्बभ्स्रद्मद्भ ह्लद्ध द्दब्स्रद्म स्रद्भह्ह्य] द्धठ्ठह्व फ्ह्नह्लद्मद्भह्ह्य द्दस््न ह्द्मह्य द्ध॥द्मह्व&द्ध॥द्मह्व द्बभ्स्रद्मद्भ स्रद्ध] द्बद्भ द्वह्वस्रद्म द्वद्बद्मर्ह्लंह्व ,स्र द्दद्ध द्धद्य)द्मह् द्बद्भ क्द्म/द्मद्मद्धद्भह् द्दस् द्गह्वरुशद्ध क्द्मस्द्भ ह्द्बरुशद्ध क्द्बह्वह्य&क्द्बह्वह्य <ड्डफ् स्रह्य द्धशद्ध'द्म"क क्द्मस्द्भ शद्धद्भ"क्च द्दद्ध ह्द्मह्य द्दद्मह्यह्ह्य द्दस््न

ठ्ठह्यशद्मद्भद्म/द्मह्व स्रह्य द्यश्वष्/द्म द्गह्यड्ड ड्ढह्व द्धठ्ठह्वद्मह्यड्ड ॥द्मद्मद्भद्ध ॥द्मभ्द्मद्धह् ;द्द श्चब् द्बरुद्ध द्दस््न द्धस्र क्ठ्ठक्व'; स्रह्य क्ह्वह्नठ्ठद्मह्व रुह्शह्ल&द्बख्ह्लह्व ॥द्मद्भ द्यह्य द्धद्गब् द्यस्रह्ह्य द्दस््न ठ्ठह्यशह्द्म द्बख्ह्लद्म ष्कद्मह्यद्भह्ह्य क्द्मस्द्भ शद्भठ्ठद्मह्व ष्[द्मह्यद्भह्ह्य द्भद्दह्ह्य द्दस््न ह्लष्द्धस्र ह्स्न; र्द्यशंस्नद्मद्म द्ध॥द्मह्व द्दस््न द्वद्बद्मद्यह्वद्म ह्लद्धशह्व द्यद्म/द्मह्वद्म स्रद्म द्बस्नद्म द्बभ्'द्मरुह् स्रद्भह्द्ध द्दस््न क्स्नद्मर्द्मंह् ह्र;द्धष्ठह्क्रश द्यश्वद्बह्व ष्ह्वह्वह्य स्रद्म द्गह्वद्मह्यद्धशय़द्मह्व क्द्मस्द्भ द्धय;द्म;द्मद्बद्भस्र क्द्म/द्मद्मद्भ [द्मरु+द्म स्रद्भह्द्ध द्दस््न ;द्द द्बभ्फ्द्धह् द्धह्लद्य रुह्द्भ स्रद्ध द्दद्मह्यह्द्ध द्दस््न द्वद्यद्ध क्ह्वह्नद्बद्मह् द्यह्य द्बद्धद्भ"—ह् द्बह्न:"द्मद्मस्नर्द्मं द्धह्व[द्मद्भह्द्म द्दस््न ;द्दद्ध द्दस् द्यद्म/द्मह्वद्म द्यह्य द्धद्यद्ध) स्रद्ध द्यद्ध/द्मद्ध द्यद्मठ्ठद्ध] द्यद्भब् ,शड्ड द्यह्नद्धह्वद्ध'श्चह् द्बभ्द्धय;द्म द्यद्म/द्मस्र स्रद्ध ;स्नद्मद्मस्नर्द्मंह्द्म क्द्मस्द्भ द्यक्तब्ह्द्म द्वद्यस्रद्ध ह्र;द्धनद्मक्रश द्यश्वद्बह्वह्द्म स्रह्य क्द्म/द्मद्मद्भ द्बद्भ द्दद्ध क्द्मँस्रद्ध ह्लद्मह्द्ध द्दस््न

क्ष् ह्स्र द्धह्लह्ह्वह्य ॥द्मद्ध द्यद्म/द्मस्रद्मह्यड्ड ह्वह्य द्धद्यद्ध) द्बभ्द्मढ्ढह् स्रद्ध द्दस्ड्ड] द्वह्वस्रद्म द्बह्न:"द्मद्मस्नर्द्मं द्धह्व/द्मर्द्मंद्धद्भह् स्रर्द्गं स्रद्म.रुद्मह्यड्ड द्यह्य ह्लह्नरुद्म ह्द्मह्य द्भद्दद्म द्दस् द्बद्भ शह्य ड्ढह्ह्वह्य ॥द्मद्भ द्यह्य द्यह्ह्न"क ह्वद्दद्ध द्दह्न,्न द्धद्य) द्बह्न:"द्मद्मह्य स्रद्ध द्बभ्द्धह्॥द्मद्म द्बफ्&द्बफ् द्बद्भ क्द्बह्वद्ध द्बभ्[द्मद्भह्द्म स्रद्म द्बद्धद्भश्च; ठ्ठह्यह्द्ध द्दस््न शद्द क्द्मस्द्भ स्रद्दद्ध द्यह्य स्रंकद्मह्यद्भद्ध द्दह्नर्ड्ढं ह्वद्दद्धड्ड द्दद्मह्यह्द्ध्न शद्भह्व− ष्ड्डह्नठ्ठद्भ स्रद्भ स्रह्य द्यड्डद्धश्चह् स्रद्ध द्दह्नर्ड्ढं द्दद्मह्यह्द्ध द्दस््न द्बद्दब्शद्मह्व] द्धशत्त्द्मह्व] /द्मह्वशद्मह्व] क्द्बह्वद्म शर्श्चंरुश ;द्मह्यह्लह्वद्मष्) द्बह्न:"द्मद्मस्नर्द्मं द्यह्य द्धश्चद्भ द्बभ्;क्रह्व द्यह्य क्द्धर्ह्लंह् स्रद्भह्ह्य द्दस््न क्चद्धस्र ;द्दद्ध द्गद्मफ् ह्र;द्धष्ठह्क्रशशद्मह्व] क्द्मक्रद्गशद्मह्व ष्ह्वह्वह्य स्रद्म ॥द्मद्ध द्दस््न द्यष्द्यह्य द्धब्, ,स्र द्दद्ध द्भद्मह्ल द्गद्मफ् द्दस््न ;द्दद्मँ द्बफ्रुड्डद्धरु;द्मँ द्धस्रद्यद्ध स्रह्य द्धब्, ॥द्मद्ध ह्वद्दद्धड्ड द्दस््न 'द्मद्मंर्कंस्रंक <ख्ड्ड<ह्वह्य शद्मब्ह्य द्बद्मह्ह्य स्रह्नहृ ह्वद्दद्धड्ड] >द्मद्धरु;द्मह्यड्ड द्गह्यड्ड द्वब्>ह्ह्य] ॥द्मंकस्रह्ह्य क्द्मस्द्भ द्धह्वद्भस्नर्द्मंस्र स्नद्मस्रह्वह्य स्रह्य क्द्धह्द्धद्भष्ठह् क्द्मस्द्भ स्रह्नहृ द्वह्वस्रह्य द्बंघब्ह्य ह्वद्दद्धड्ड द्बरु+ह्द्म्न

द्बभ्द्मश्चद्धह्व स्रद्मब् स्रह्य ठ्ठह्यश ;ह्नफ् द्गह्यड्ड ड्ढह्व ह्स्न;द्मह्यड्ड स्रद्मह्य ह्लह्व&ह्लह्व ह्वह्य द्यद्ग>द्म क्द्मस्द्भ क्द्मरुस्नद्मद्म द्बर्ख्शंस्र क्द्बह्वद्म;द्म स्नद्मद्म्न क्रुह्ह्न शह्य ठ्ठख्द्भ&ठ्ठ'द्मर्द्धं ह्वद्धद्धह् क्द्बह्वद्मह्ह्य स्नद्मह्य्न फ्ह्न.द्म] स्रर्द्गं] रुश॥द्मद्मश स्रद्ध द्धशद्ध'द्म"कह्द्म क्द्धर्ह्लंह् स्रद्भह्ह्य स्नद्मह्यड्ड्न शद्दद्ध द्वह्वस्रद्ध शद्मरुह्द्धशस्र द्बख्ह्लद्म स्नद्मद्ध्न द्धह्लद्यस्रह्य द्यद्दद्मद्भह्य रुश;ड्ड क्द्मह्वठ्ठ द्बद्मह्ह्य क्द्मस्द्भ ठ्ठख्द्यद्भद्मह्यड्ड स्रद्मह्य द्यद्दद्मद्भद्म ठ्ठह्यस्रद्भ टँश्चद्म द्वक्चद्मह्वह्य] क्द्मफ्ह्य ष्<द्मह्वह्य स्रद्म द्यद्मस्द्भ॥द्म ष्[द्मह्यद्भह्ह्य स्नद्मह्य्न शह्य ह्लद्मह्वह्ह्य स्नद्मह्य ह्लद्धशह्व क्ह्वह् द्दस््न ड्ढद्य ह्लद्ग स्रद्ध द्यड्डद्धश्चह् द्यह्नद्यरुस्रद्मद्धद्भह्द्म द्दद्ध क्फ्ब्ह्य ह्लद्ग द्गह्यड्ड क्द्ध/द्मस्र द्वक्कश्च द्धरुस्नद्मद्धह् द्बभ्ठ्ठद्मह्व स्रद्भ द्यस्रह्द्ध द्दस््न शस्॥द्मश ठ्ठह्य[द्मद्म ॥द्मद्भ ह्लद्म द्यस्रह्द्म द्दस् द्वद्यह्य स्रद्मह्यर्ड्ढं द्धह्वफ्ब् ह्वद्दद्ध द्यस्रह्द्म्न क्ह्वद्मश';स्र द्गद्म=द्मद्गह्यड्ड द्धह्वफ्ब्ह्वह्य शद्मब्ह्य स्रद्मह्य द्वंघंकद्ध क्द्मस्द्भ ठ्ठरुह् स्रद्म =द्मद्य द्यद्दह्वद्म द्बरु+ह्द्म द्दस््न द्धस्रह्ह्न शर्श्चंरुश स्रह्य ष्द्मद्भह्य द्गह्यड्ड ,ह्यद्यद्ध ष्द्मह् ह्वद्दद्धड्ड द्दस््न

द्यह्नद्यड्डरुस्रद्मद्धद्भह्द्म स्रद्म शर्श्चंरुश द्दद्ध ह्र;द्धष्ठह्क्रश स्रह्य स्र.द्म&स्र.द्म द्गह्य ?द्मह्नद्यह्द्म क्द्मस्द्भ ष्द्यह्द्म द्दस्] क्तब्ह्त्न शद्द द्यद्मद्भद्ध द्यश्वद्बठ्ठद्म 'द्मद्भद्धद्भ स्रह्य ष्द्मठ्ठ ॥द्मद्ध द्यद्मस्नद्म द्भद्दह्वद्ध द्दस् क्द्मस्द्भ द्यड्डद्धश्चह् द्धह्वद्ध/द्म स्रद्ध ह्द्भद्द ॥द्मद्धश";स्रद्मह्य क्द्ध/द्मस्रद्मद्ध/द्मस्र द्वञ्जह्लशब् ,श द्यह्न[द्मठ्ठ ष्ह्वद्मह्द्ध श्चब्द्ध ह्लद्मह्द्ध द्दस् द्यह्नद्यड्डरुस्रद्मद्धद्भह्द्म स्रद्म द्यड्डश्च; ड्ढद्य ब्द्मह्यस्र स्रद्ध द्दद्ध ह्द्भद्द द्बद्भब्द्मह्यस्र द्गह्यड्ड ॥द्मद्ध द्बभ्श्चह्नद्भ द्बद्धद्भ॥द्मद्मफ् द्गह्यड्ड छ्वह्य; ठ्ठह्यह्द्म क्द्मस्द्भ द्यद्गह्नह्वह् ष्ह्वद्मह्द्म द्भद्दह्द्म द्दस््न

क्द्बह्वह्य द्यद्मद्धस्नर्द्मं;द्मह्यड्ड द्यश्वष्द्ध/द्म;द्मह्यड्ड स्रद्ध द्धह्लह्ह्वद्ध द्यद्दद्म;ह्द्म द्वद्दह्य द्यह्नद्यड्डरुस्रद्मद्भद्ध ष्ह्वद्म स्रद्भ ठ्ठद्ध ह्लद्म द्यस्रह्द्ध द्दस् द्वह्ह्वद्ध क्द्मस्द्भ द्धस्रद्यद्ध द्बभ्स्रद्मद्भ ह्वद्दद्धड्ड्न स्रद्दह्वद्म ह्व द्दद्मह्यफ्द्म द्धस्र ;द्द द्बभ्;द्मह्यह्लह्व श्चठ्ठह्व स्रद्ध ह्द्भद्द रुश;ड्ड द्यद्मस्द्भशद्मह्व ष्ह्वस्रद्भ द्यद्गद्धद्बशद्धह्;द्मह्यड्ड स्रद्मह्य छ्वह्य;द्मद्ध/द्मस्रद्मद्भद्ध ष्ह्वद्मह्वह्य स्रद्ध ह्द्भद्द द्दद्ध द्बख्द्भद्म द्दद्मह्य द्यस्रह्द्म द्दस््न द्यद्मद्धस्नर्द्मं;द्मह्यड्ड स्रद्मह्य द्यद्ग>द्मह्ह्य द्भद्दह्वह्य ;द्म ठ्ठशद्मह्ह्य द्भद्दह्वह्य द्यह्य ह्र;द्धष्ठह्क्रशशद्मह्व ह्वद्दद्ध ष्ह्वद्म;द्म ह्लद्म द्यस्रह्द्म ;द्द स्रर्द्म; ह्द्मह्य ह्लब्ह्ह्य ठ्ठद्धद्बस्र त्त्द्मद्भद्म द्बख्द्भद्म ठ्ठद्धद्बस्र ह्लब्द्म;ह्य ह्लद्मह्वह्य स्रद्ध ह्द्भद्द द्दद्ध द्यश्वद्बह्व द्दद्मह्यह्द्म द्दस््न द्धद्बभ्;ह्लह्वद्मह्यड्ड स्रद्म द्धद्दह् द्यद्म/द्मह्व द्धह्लद्दह्यड्ड शरुह्ह्नह्त्न क्॥द्मद्ध"क द्दद्मह्य द्वह्वद्दह्य क्द्बह्वह्य स्रद्मह्य द्यद्मँश्चद्म ष्ह्वद्मस्रद्भ] द्वह्वस्रद्ध द्वद्ब;ह्नष्ठह् <ब्द्मर्ड्ढं स्रद्भह्वह्य स्रह्य :द्ब द्गह्यड्ड द्दद्ध द्बभ्;द्मह्यह्लह्व स्रद्ध द्बख्द्धह् स्रद्भह्वद्ध श्चद्मद्धद्द,्न

क्ह्द्धह् स्रद्ध द्गद्दद्मह्व फ्द्धद्भद्गद्म स्रद्म द्यद्मद्भ ह्क्रश द्वद्य द्यद्ग; स्रद्ध द्यद्गह्नह्वह् द्यह्नद्यड्डरुस्रद्मद्धद्भह्द्म द्बद्भ द्धह्व॥र्द्मंद्भ स्नद्मद्म्न क्/;द्मक्रद्ग स्रद्मह्य क्द्मह्ल ह्द्मह्य ह्लद्मठ्ठख्फ्द्भद्ध द्गद्मह्वद्म ह्लद्मह्द्म द्दस्] द्बद्भ द्वह्व द्धठ्ठह्वद्मह्यड्ड द्वद्यस्रद्म द्यद्ध/द्मद्म&द्यद्म/द्मद्म क्स्नर्द्मं फ्ह्न.द्म] स्रर्द्गं रुश॥द्मद्मश द्यह्य द्वक्र—"कह्द्म स्रद्ध द्गद्म=द्म ष्<द्मह्वह्य स्रह्य द्धह्वद्धद्गह् ष्ह्वद्मह्य; फ्;ह्य ह्क्रश ठ्ठ'र्द्मंह्व स्रद्मह्य सठ्ठ;फ्द्ग स्रद्भह्वद्म क्द्मस्द्भ ह्र;शद्दद्मद्भ द्गह्यड्ड द्वह्द्मद्भह्वद्म ॥द्मद्भ स्नद्मद्म्न द्धशद्ध॥द्मह्व द्यद्म/द्मह्वद्म द्वद्यद्ध ,स्र द्बभ्;द्मह्यह्लह्व स्रद्ध द्बख्द्धह् स्रह्य द्धब्, स्रद्ध ह्लद्मह्द्ध स्नद्मद्ध्न शभ्ह्] द्यड्ड;द्ग] ह्द्ब] ठ्ठद्मह्व क्द्मद्धठ्ठ स्रह्य /द्मर्द्गंद्धह्व"क्चद्मह्वद्मह्यड्ड द्यह्य द्यड्डद्धश्चह् द्यड्डरुस्रद्मद्भद्मह्य स्रद्म द्धह्वद्भद्मस्रद्भ.द्म क्द्मस्द्भ द्वक्र—"क्चद्मह्वद्मह्य द्यह्य द्यड्डद्धश्चह् द्यड्डरुस्रद्मद्भद्मह्य स्रद्म द्धह्वद्भद्मस्रद्भ.द्म क्द्मस्द्भ द्वक्र—"क्चह्द्म स्रद्म द्वक्कश्चरुह्द्भद्ध; क्श/द्मद्मद्भ.द्म द्दद्ध ब्म्; स्नद्मद्म्न द्यक्रद्यड्डफ्द्मह्य द्गह्यड्ड ;द्दद्ध स्रद्दद्म क्द्मस्द्भ रुशद्म/;द्म; द्गह्यड्ड ;द्दद्ध द्ब<+द्म ह्लद्मह्द्म स्नद्मद्म्न द्धस्र क्॥;रुह् द्ब'द्मह्न&शक्वद्धनद्म;द्मह्यड्ड स्रद्मह्य द्धह्वद्भरुह् स्रद्भह्वह्य स्रह्य द्धब्, क्ह्वशद्भह् क्॥;द्मद्य द्धस्र;द्म ह्लद्म; द्यद्मस्नद्म द्दद्ध ,ह्यद्यद्म द्धय;द्म स्रब्द्मद्ब क्द्बह्वद्म;द्म ह्लद्म;] द्धह्लद्यद्यह्य क्द्मठ्ठ'र्द्मं ष्द्मद्धठ्ठह्द्म द्यद्ग>ह्वह्य द्यद्ग>द्मह्वह्य ह्स्र द्यद्धद्धद्गह् ह्व द्दद्भह्य] शद्भह्व ह्र;द्धष्ठक्रद्मक्रश स्रद्म क्द्धशद्धक्कहृह्व क्ड्डफ् ष्ह्व द्यस्रह्य्न र्ड्ढं'शद्भ ॥द्मद्धष्ठह् द्यह्य ब्ह्यस्रद्भ ;द्मह्यफ्द्म॥;द्मद्य क्द्मस्द्भ ह्द्ब&द्यद्म/द्मह्वद्म स्रह्य द्बद्धहृह्य ड्ढद्यद्ध ,स्र ब्म्; स्रद्ध द्बख्द्धह् स्रद्म द्वठ्ठ−ठ्ठह्य'; द्यद्धह्वद्धद्दह् द्दस््न द्धश्चह्ह्व क्द्मस्द्भ द्गह्वह्व स्रद्म द्गद्दद्मक्रश्व; ड्ढद्यद्धद्धब्, ष्ह्वद्म;द्म फ्;द्म द्दस् द्धस्र द्वद्यद्यह्य क्द्मक्रद्ग द्यह्न/द्मद्मद्भ क्द्मस्द्भ क्द्मक्रद्ग द्धह्वद्गर्द्मं.द्म स्रह्य ठ्ठद्मह्यह्वद्मह्य द्बम्द्म द्बख्द्भह्य द्दद्मह्यह्ह्य द्दस् रुशद्म/;द्म; क्द्मह्यद्भ द्यक्रद्यड्डफ् स्रद्ध द्गद्धद्दद्गद्म ॥द्मद्ध ड्ढद्यद्ध क्द्मद्मद्मद्भ द्बद्भ ड्ढह्ह्वह्य द्धशरुह्द्मद्भ द्यह्य ष्[द्मद्मह्वद्ध फ्ड्ढ द्दस््न

क्द्मद्भह्द्ध स्रद्म ड्ढद्धह्द्दद्मद्य ,स्र 'द्मष्टठ्ठ द्गह्यड्ड ह्लह्व&ह्लह्व त्त्द्मद्भद्म द्वक्र—"कह्द्म क्द्बह्वद्म;ह्य ह्लद्मह्वह्य क्द्मस्द्भ द्वद्यह्य क्द्मठ्ठ'र्द्मंशद्मठ्ठद्ध द्बभ्;द्मह्यह्लह्वद्मह्यड्ड द्गह्यड्ड द्बभ्;ह्नष्ठह् स्रद्भह्वह्य स्रद्ध ?द्मंकह्वद्मक्द्मह्यड्ड स्रद्म द्यद्गह्नक्कश्च; द्गद्म= द्दस््न द्बर्ख्शंह्लद्मह्य स्रह्य द्गद्दद्मह्व स्रह्क्वक्रश ड्ढद्यद्ध क्द्म/द्मद्मद्भ द्बद्भ ष्ह्व द्बरु+ह्य्न द्वह्वस्रद्ध म्द्मद्गह्द्मक्द्मह्यड्ड क्द्मस्द्भ द्धशद्ध'द्म"कह्द्मक्द्मह्यड्ड स्रद्म ट्ठद्ध);द्मह्यड्ड क्द्मस्द्भ द्धद्यद्ध);द्मह्यड्ड स्रद्म द्वठ्ठ−फ्द्ग ,स्र द्दद्ध द्भद्दद्म द्दस््न द्धस्र द्धश्चह्ह्व क्द्मस्द्भ श्चद्धद्भ= स्रद्मह्य द्वक्कश्चह्य रुह्द्भद्ध; ष्ह्वद्मह्वह्य द्गह्यड्ड ड्ढह्व द्धठ्ठह्वद्मह्यड्ड क्द्म'द्मद्मह्लह्वस्र द्यक्तब्ह्द्म द्बद्मर्ड्ढं फ्ड्ढ्न द्यड्डद्यद्मद्भ ॥द्मद्भ स्रह्य क्ह्वह्यस्रद्मह्वह्य द्वद्बद्म;&द्वद्बद्मश्चद्मद्भद्मह्यड्ड द्यह्य ह्लद्मह्य द्धशद्धश/द्मद्धशद्ध/द्म द्यह्यशद्म स्रद्ध ह्लद्म द्यस्रद्ध द्वद्यस्रद्म द्धशशद्भ.द्म द्धश'श ड्ढद्धह्द्दद्मद्य स्रह्य द्बह्वह्य&द्बह्वह्य द्बद्भ क्ड्डद्धस्रह् द्दस् द्यद्म/द्मह्व द्दद्धह्व द्बद्धद्भद्धरुस्नद्मद्धह्;द्मह्यड्ड द्गह्यड्ड ;द्द द्यष् स्रस्द्यह्य ष्ह्व द्बरु+द्म्न ड्ढद्यस्रद्म ,स्र द्दद्ध द्वनद्मद्भ द्दस् & द्वह्व द्धठ्ठह्वद्मह्यड्ड द्वक्र—"क्चह्द्म क्द्बह्वद्मह्वह्य द्गह्यड्ड ॥द्मद्मश ॥द्मद्भद्ध क्द्ध॥द्म:द्धश्च क्द्मह्यद्भ ठ्ठख्द्यद्भह्य द्यह्य क्द्मफ्ह्य ष्<ह्वह्य स्रद्मह्य रुशरुस्नद्म द्बभ्द्धह्रुद्ब)र्द्मं्न ड्ढद्यद्ध द्बभ्शद्मद्द द्बभ्श्चब्ह्व ह्वह्य द्वद्य द्यद्ग; स्रह्य ठ्ठह्यशह्द्म] ;ह्नफ् क्द्मस्द्भ द्वह्व द्बद्धद्भद्धरुस्नद्मद्धह्;द्मह्यड्ड स्रद्मह्य रुशफ्द्मर्ह्यंद्बद्ग ष्ह्वद्म;द्म स्नद्मद्म्न द्वह्व द्धठ्ठह्वद्मह्यड्ड द्यक्कश्चह्य क्स्नर्द्मं द्गह्यड्ड रुशद्मस्नर्द्मं ॥द्मद्ध द्यद्मह्द्म क्द्मस्द्भ द्दद्मस्नद्मद्मह्य द्दद्मस्नद्म क्तब् ठ्ठह्यह्वह्य शद्मब्ह्य द्बद्भद्गद्मस्नर्द्मं स्रद्म ॥द्मद्ध द्बख्द्भद्म ब्द्म॥द्म द्वक्चद्म;द्म फ्;द्म्न द्वह्व द्धठ्ठह्वद्मह्यड्ड क्द्मह्ल स्रद्ध ह्द्भद्द क्द्मठ्ठ'र्द्मंशद्मद्धठ्ठह्द्म स्रद्म द्गद्मफ् स्रद्धक्चह्व ;द्म क्द्यश्व॥द्मश ह्वद्दद्ध द्यद्ग>द्म ह्लद्मह्द्म स्नद्मद्म्न द्धस्रह्ह्न द्वद्यस्रद्ध द्यद्भब्ह्द्म] द्यह्नद्धश/द्मद्म क्द्मस्द्भ द्यह्न[द्मठ्ठ द्बभ्द्धह्द्धय;द्म स्रद्मह्य ठ्ठह्य[द्मस्रद्भ द्दद्भ द्धस्रद्यद्ध स्रद्मह्य ;द्द द्धश'शद्मद्य द्भद्दह्द्म स्नद्मद्म द्धस्र द्यद्गक्वद्ध) ,शड्ड द्बभ्फ्द्धह् स्रद्म द्गद्म= ;द्दद्ध ,स्र द्गद्मफ् द्दस््न

;द्द द्बभ्श्चब्ह्व द्धस्रद्य द्बभ्स्रद्मद्भ द्यश्व॥द्मश द्दह्नक्द्म झ्र द्धह्व—"कह्द्म स्रद्ध द्ब'द्मह्न द्बभ्शक्वद्धनद्म;द्मँ द्यठ्ठद्म द्यह्य फ्ह्न:क्रशद्मस्र"र्द्मं.द्म स्रद्ध ह्द्भद्द द्दद्भ द्धस्रद्यद्ध स्रद्मह्य क्/द्मद्मह्यफ्द्मद्गद्ध ष्ह्वद्मह्वह्य स्रद्म ठ्ठशद्मष् रुद्मब्ह्द्ध द्दस््न ह्द्मह्य द्वह्व द्धठ्ठह्वद्मह्यड्ड ब्द्मह्यफ् द्धस्रद्यद्ध द्बभ्स्रद्मद्भ द्वक्र—"कह्द्म स्रह्य द्गद्मफ् द्बद्भ श्चब्ह्ह्य द्भद्दह्य झ्र ड्ढद्य द्बभ्'ह्व स्रद्म द्वनद्मद्भ [द्मद्मह्यह्लह्वह्य द्बद्भ] द्वह्व द्धठ्ठह्वद्मह्यड्ड स्रह्य द्धशस्त्रद्म द्गद्धठ्ठद्भद्मह्यड्ड द्बद्भ ठ्ठक्वद्ध"कह्द्म ह्लद्गह्द्ध द्दस््न द्यद्मम्द्मद्भह्द्म स्रद्ध ठ्ठक्वद्ध"क द्यह्य द्वह्व द्धठ्ठह्वद्मह्यड्ड क्द्मफ् द्यह्नद्धश/द्मद्म ह्वद्दद्धड्ड स्नद्मद्ध] द्बद्भ द्धशस्त्रद्म द्गद्धठ्ठद्भद्मह्यड्ड स्रद्ध स्रद्दद्ध स्र॥द्मद्ध ह्व स्नद्मद्ध्न ट्ठद्ध"द्मस्रंघद्ब ठ्ठह्यशह्द्म द्धह्वशक्वह्द्मह्य स्रह्य द्धब्, क्द्मद्भ.;स्र ष्द्मब्स्रद्मह्यड्ड स्रह्य द्धब्, फ्ह्न:स्रह्नब् क्द्मस्द्भ फ्क्वद्दरुस्नद्मद्मह्य स्रह्य द्धब्, ह्द्धस्नर्द्मं द्यह्यशह्व स्रद्ध द्ध=द्धश/द्म द्यख्= छ्वक्वड्ड[द्मब्द्म स्रद्म द्यह्नद्धह्व;द्मह्यद्धह्लह् द्यड्डश्चद्मब्ह्व स्रद्भह्ह्य स्नद्मह्य द्वद्य द्ध=शह्य.द्मद्ध द्गह्यड्ड रुह्वद्मह्व स्रद्भह्वह्य स्रद्म ह्लह्व&ह्लह्वस्रद्मह्य क्शद्यद्भ द्धद्गब्ह्द्म स्नद्मद्म्न ट्टट्टस्रद्मस्र द्दद्मह्यड्डद्धद्द द्धद्बड्ड] शस्रद्दह्न द्गद्भद्मब्द्म** स्रह्य & क्ब्ड्डस्रद्मद्धद्भस्र द्बभ्द्धह्द्बद्मठ्ठह्व द्गह्यड्ड द्धह्लद्य द्ध=शह्य.द्मद्ध द्यड्डफ्द्ग स्रद्म द्गद्दक्रश ष्ह्द्म;द्म फ्;द्म द्दस् शद्द शरुह्ह्नह्त्न शद्द ब्द्मह्यस्र द्ध'द्मम्द्म.द्म स्रद्ध द्धशद्धशद्ध/द्म द्बभ्द्धय;द्म द्दद्ध द्दस् द्धह्लद्यद्यह्य द्वक्कश्चरुह्द्भद्ध; द्बभ्ह्यद्भ.द्मद्म द्बद्मह्वह्य क्द्मस्द्भ क्॥;द्मद्य स्रद्म ब्द्म॥द्म ब्ह्यह्वह्य स्रह्य द्धब्, द्यद्गह्नद्धश्चह् क्शद्यद्भ द्बभ्द्मढ्ढह् स्रद्भह्वह्य स्रद्ध द्यह्नद्धश/द्मद्म द्भद्दह्द्ध द्दस््न

ष्भ्द्मह.द्म द्यद्धद्धद्गह् म्द्मह्य= स्रह्य ;ह्लद्गद्मह्वद्मह्य स्रद्म यद्गष्) द्ध'द्मम्द्म.द्म स्रद्भह्ह्य स्नद्मह्य्न क्द्मस्द्भ द्यह् ष्द्मठ्ठब्द्मह्य स्रद्ध ह्द्भद्द द्बद्धद्भ॥द्मभ्द्ग.द्म स्रद्भह्ह्य क्द्मस्द्भ ह्लद्दद्मँ ह्द्दद्मँ ष्द्भद्यह्वह्य स्रद्म यद्ग ह्लद्मद्भद्ध द्भ[द्मह्ह्य स्नद्मह्य्न क्तब्ह्त्न द्धह्व—"कह्वद्म द्यह्य ह्लख्>ह्वद्म क्द्मस्द्भ द्वक्र—"कह्द्म स्रद्मह्य द्व॥द्मद्मद्भह्वद्म द्वह्ह्वद्म स्रद्धक्चह्व ह्वद्दद्ध द्भद्द ह्लद्मह्द्म स्नद्मद्म ह्लस्द्यद्म द्धस्र क्द्मह्ल द्बभ्श्चब्ह्व स्रह्य क्॥द्मद्मश द्गह्यड्ड द्बभ्ह्द्धह् द्दद्मह्यह्द्म द्दस््न

;ह्नफ् द्बद्धद्भशह्ह्व स्रद्ध ड्ढद्य द्बह्न.; ष्ह्यब्द्म द्गह्यड्ड ह्व;ह्य द्धद्यद्भह्य द्यह्य ह्व स्रह्नहृ द्यद्मह्यश्चह्वह्यस्रद्ध क्द्मश';स्रह्द्म द्दस् ह्व ह्व;द्मयद्ग क्द्बह्वद्मह्वह्य स्रद्ध द्धश्चद्भ द्बह्नद्भद्मह्ह्व स्रद्मह्य द्धह्वह् ह्वशद्धह्व स्रह्य द्यद्मस्नद्म ह्लद्मह्यरु+ ठ्ठह्यह्वह्य द्यह्य ॥द्मब्द्ध द्बभ्स्रद्मद्भ स्रद्मद्ग श्चब् ह्लद्म,फ्द्म्न द्धह्लद्य द्गद्मफ् द्भ श्चब् स्रद्भ द्बर्ख्शंह्लद्मह्यड्ड ह्वह्य ठ्ठह्यशद्मह्यद्बद्ग फ्द्धद्भद्गद्म क्द्धर्ह्लंह् स्रद्ध स्नद्मद्ध] शद्द क्द्बह्वह्य द्धब्, ॥द्मद्ध द्धह्वह्द्मह् द्यश्व॥द्म द्दस् द्धह्लद्य द्बभ्;द्मह्यफ् स्रद्मह्य ब्द्म[द्मद्मह्य श"द्मद्मर्ह्यं ह्स्र [द्मद्भद्म क्द्मस्द्भ द्वद्ब;द्मह्यफ्द्ध द्बद्म;द्म फ्;द्म द्वद्यस्रद्ध द्बह्नह्वद्भद्मशक्वद्धनद्म द्गह्यड्ड द्धस्रद्यद्ध द्धद्दश्चस्र स्रद्ध क्द्मश'स्र;ह्द्म ह्वद्दद्धड्ड द्दस््न द्धशद्बद्धनद्म;ह्यद्मड्ड क्द्मस्द्भ द्धष्॥द्मद्धद्ध"द्मस्रद्मक्द्मह्यड्ड द्गह्यड्ड क्तँद्य ह्लद्मह्वह्य स्रद्म ,स्र द्गद्म= स्रद्मद्भ.द्म द्यठ्ठद्म'द्म;ह्द्म स्रह्य द्भद्मह्ल द्गद्मफ् द्यह्य ॥द्मंकस्र ह्लद्मह्वद्म ॥द्मद्भ द्दस््न ॥द्मख्ब् स्रद्मह्य द्यह्न/द्मद्मद्भद्म ह्लद्म द्यस्रह्द्म द्दस् क्द्मस्द्भ द्वद्यद्ध द्भद्मह्ल द्गद्मफ् स्रद्मह्य क्द्बह्वद्मह्यह्व स्रद्म द्धशशह्यस्र ठ्ठ'द्मर्द्मं;द्म ह्लद्म द्यस्रह्द्म द्दस््न ह्लद्मह्य ॥द्मख्ह्स्रद्मब् स्रद्ध ह्द्भद्द क्द्मह्ल ॥द्मद्ध क्द्बह्वद्ध द्धशद्ध'द्म"कह्द्म द्धद्य) स्रद्भह्वह्य द्गह्यड्ड द्बख्.र्द्मंह्;द्म द्यम्द्मद्ग द्दस््न

ड्ढद्य द्बह्नह्वद्भद्मशह्ह्व द्गह्यड्ड क्[द्म.रु&ञ्ज;द्मह्यद्धह् स्रह्य द्बभ्ष्ह्न) द्बद्धद्भह्लह्व क्;द्म;द्मह्यड्ड द्यह्य ,स्र स्रठ्ठद्ग क्द्मफ्ह्य ष्<स्रद्भ क्द्बह्वद्ध ॥द्मख्द्धद्गस्र द्धह्व॥द्मद्म द्यस्रह्ह्य द्दस््न द्बभ्द्मश्चद्धह्व ह्क्रशठ्ठ'र्द्मंह्व स्रद्मह्य ह्लद्धशह्व ह्र;शद्दद्मद्भ द्गह्यड्ड द्वह्द्मद्भह्वह्य स्रद्ध क्द्ध॥द्मह्वश द्बभ्;द्मह्यफ्द्म'द्मब्द्म फ्द्म;=द्ध ह्वफ्द्भ स्रह्य :द्ब द्गह्यड्ड [द्मरु+द्ध स्रद्ध फ्ड्ढ द्दस््न क्ष् ड्ढद्यद्गह्यड्ड ठ्ठह्यश द्बद्धद्भशद्मद्भ ष्द्यद्मह्वह्य स्रद्म ठ्ठख्द्यद्भद्म श्चद्भ.द्म द्वक्चद्म;द्म ह्लद्मह्वद्म द्दस् ड्ढद्य ॥द्मद्भह्द्ध स्रद्मह्य द्वद्य द्यद्म/द्मह्वद्म द्गह्यड्ड द्बभ्शक्वनद्म द्धस्र;द्म ह्लद्म;ह्यफ्द्म द्धह्लद्यद्गह्यड्ड ॥द्मख्ह् स्रद्मब्द्धह्व द्बभ्श्चब्ह्वद्मह्य स्रद्मह्य ह्र;शद्दद्मद्भ द्गह्यड्ड क्ह्द्मद्भह्वह्य स्रद्म द्बभ्;क्रह्व द्बभ्द्गह्न[द्म द्दस् रुद्ब"क द्दस् द्धस्र द्यद्म/द्मह्वद्म] रुशद्म/;द्म;] द्यड्ड;द्ग क्द्मस्द्भ द्यह्यशद्म स्रद्म श्चह्ह्नद्ध"र्द्मंद्ध) द्वद्बश्चद्मद्भ द्दद्ध ह्र;द्धुक्रश द्धह्वद्गर्द्मं.द्म स्रद्म क्द्मक्रद्गद्धशस्रद्मद्य स्रद्म र्ड्ढं'शद्भ द्बभ्द्मद्धढ्ढह्स्रद्म द्यह्नद्धह्वद्ध'श्चह् क्द्म/द्मद्मद्भ द्दस्] ड्ढद्यद्यह्य स्रद्ग द्यह्य शद्मरुह्द्धशस्र क्द्मक्रद्गद्मह्यक्रस्र"र्द्मं द्यश्व॥द्मश ह्वद्दद्धड्ड] ड्ढद्य द्बभ्द्धय;द्म स्रद्मह्य क्द्बह्वद्मह्वह्य स्रह्य द्वद्बद्भद्मह् क्द्मस्द्भ स्रह्नहृ क्द्ध/द्मस्र [द्मद्मह्यह्लह्वह्य स्रद्ध क्द्मश';स्रह्द्म ह्वद्दद्धड्ड द्भद्द ह्लद्मह्द्ध्न

क्/;द्मक्रद्ग स्रद्ध श्चद्गक्रस्रद्मद्भद्ध द्बभ्द्धह्द्धय;द्म द्धद्य) स्रद्भह्वह्य द्गह्यड्ड द्बभ्द्मश्चद्धह्व स्रद्मब् द्गह्यड्ड ॥द्मद्ध द्वद्दद्ध स्रद्ध द्बभ्द्गह्न[द्म ॥द्मख्द्धद्गस्रद्म द्भद्दद्ध द्दस् ह्लद्मह्य क्द्मस्र"र्द्मं.द्मद्मह्य क्द्मस्द्भ ठ्ठष्द्मशद्मह्य द्यह्य द्गह्नद्धष्ठह् द्बद्म श्चह्नस्रह्य्न शद्मह्वद्बभ्रुस्नद्म द्वद्यद्ध द्बभ्ह्त्नद्धरुस्नद्मद्धह् ,श द्बद्धद्भद्धरुस्नद्मद्धह् स्रद्म ह्वद्गद्म द्दस् द्धह्लद्यद्गह्यड्ड ह्र;द्मद्गद्मह्यद्द स्रद्ध ठ्ठब् ठ्ठब् द्गह्यड्ड क्तँद्यह्य द्भद्दह्वह्य स्रद्ध क्द्बह्यम्द्मद्म टँश्चद्म द्वक्चह्वह्य स्रद्म द्गह्व श्चब्ह्द्म क्द्मस्द्भ द्यद्मद्दद्य द्वक्चह्द्म द्दस् स्रद्दह्वद्म ह्व द्दद्मह्यफ्द्म द्धस्र द्बभ्द्मश्चद्धह्व स्रद्मब् द्गह्य क्ह्द्मस्ह् स्रद्मह्य द्गद्दद्मह्व ष्ह्वद्मह्वह्य स्रद्ध द्बभ्द्गह्न[द्म ॥द्मख्द्धद्गस्रद्म द्भद्दद्ध द्दस्ड्ड क्ष् द्वद्यद्ध ;ह्नफ् स्रद्मह्य शद्मद्धद्बद्य ब्द्मह्वद्म द्दस् ह्लद्मह्य द्वद्यस्रद्ध रुह्द्भ स्रद्ध ॥द्मख्द्धद्गस्रद्म द्धह्व॥द्मद्म द्यस्रह्य द्वद्यद्ध स्रद्मह्य द्दद्ध द्धक्तद्भ क्द्मफ्ह्य क्द्मह्वद्म द्दद्मह्यफ्द्म्न शद्मह्वद्बभ्रुस्नद्म स्रद्म द्बह्नह्वह्लर्द्धंशह्व द्दद्ध ;ह्नफ् द्बद्धद्भशह्ह्व स्रद्म क्चद्मह्यद्य क्द्म/द्मद्मद्भ द्दस् ष्ठ;द्मह्यड्डद्धस्र ब्द्मह्यस्र द्ध'द्मम्द्म.द्म स्रद्ध द्बभ्द्धय;द्म शुद्मक्द्मह्यड्ड द्यह्य ह्वद्दद्ध द्बभ्द्धह्॥द्मद्मक्द्मह्यड्ड स्रह्य द्यद्दद्मद्भह्य द्यश्वद्बह्व द्दद्मह्यफ्द्ध्न क्/;द्मक्रद्ग म्द्मह्य= स्रद्ध द्बभ्द्धह्॥द्मद्मक्द्मह्यड्ड द्गह्यड्ड द्वह्व द्यद्मद्दद्धद्यस्रद्मह्यड्ड स्रद्ध फ्.द्मह्वद्म द्दह्यद्मह्द्ध द्दह्यड्ड ह्लद्मह्य द्वक्कश्च रुह्द्भद्ध; द्बभ्द्धह्द्बद्मठ्ठह्वद्मह्यड्ड स्रह्यद्म क्द्बह्वह्य टद्बद्भ द्वह्द्मद्भह्वह्य स्रद्ध द्बद्दब् स्रद्भह्ह्य द्दस््न

द1ड्ट द्बद्मद्धद्भशद्मद्धद्भस्र द्वनद्मद्भठ्ठद्मद्ध;क्रशद्मह्यड्ड द्गह्यड्ड द्धह्वशक्वनद्म द2ड्ट क्द्मद्धस्नर्द्मंस्र ठ्ठक्वद्ध"क द्यह्य द्यश्वशद्मब्श्वष्द्ध द3ड्ट 'द्मद्भद्धद्भ क्द्मस्द्भ द्गह्व द्यह्य द्यम्द्मद्ग द4ड्ट क्द्मठ्ठ'र्द्मं शद्मठ्ठद्ध ह्लद्धशह्व&श्च;र्द्मं क्द्बह्वद्मह्वह्य स्रह्य द्धब्, द्गह्वद्मह्यष्ब् द्यश्वद्बह्व स्रद्ध श्चद्मद्भ द्धश'द्मह्य"द्मह्द्मक्ह्यद्मड्ड द्यह्य ;ह्नष्ठह् द्


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