भावना के फूल

May 1961

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सम्पादक विभाग-ब्रह्मवर्चस् शान्तिकुञ्ज, हरिद्वार

प्रभु! समर्पण हैं तुम्हें ये भावना के फूल।

भेंट क्या दूँ सोचता था,

आ गया है आज सम्मुख,

अब सभी कुछ है तुम्हारा,

-त्रिलोकीनाथ ब्रजवाल


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