VigyapanSuchana

April 1958

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गायत्री परिवार-पत्रिका

अब गायत्री परिवार का संगठन देश व्यापी हो चुका है। भारत का कोई प्राँत गायत्री शाखाओं से शून्य नहीं है। इसके प्रभाव से देश के कोने-कोने में यज्ञानुष्ठानों के आयोजन हो रहे हैं। इस अवस्था में यह आवश्यकता अनुभव हो रही है कि इस प्रवृत्ति का उचित रूप से प्रकाशन और मार्ग प्रदर्शन किया जाय, जिससे प्रत्येक सदस्य को समस्त गायत्री परिवार की गतिविधि का पता चलता रहे और साथ ही अपने कर्तव्य का भी बोध होता रहे। “गायत्री परिवार पत्रिका” इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिये निकाली जा रही है। इसमें देश भर में फैली गायत्री शाखाओं की कार्यवाहियाँ, यज्ञों का विवरण और कार्यकर्ताओं के प्रयत्नों का उचित रूप में परिचय दिया जायगा। “अखण्ड-ज्योति” में स्थानाभाव से इन समाचारों को बहुत संक्षिप्त कर देना पड़ता था, अब इस पत्रिका में गायत्री प्रचार का वास्तविक रूप देखने को मिलेगा। प्रत्येक गायत्री शाखा का कर्तव्य है कि तुरन्त ही 2 रु. मनीआर्डर भेजकर ग्राहकों में नाम लिखा लें। प्रथम अंक 15 अप्रैल तक तैयार होकर ग्राहकों को भेज दिया जायगा।

पता- गायत्री परिवार पत्रिका, “अखण्ड-ज्योति प्रेस” मथुरा।


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