मेरी ममता को ज्ञान मिले

June 1950

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(श्रीमती विद्यावती मिश्र)

मृदु भावों की लोलुपता को

संयम की पावन शक्ति मिले,

सौरभ के प्यासे अंतर को

चिर शान्ति दायिनी भक्ति मिले,

इन भूले भटके चरणों को, पथ का निश्चित अनुमान मिले!

मेरी ममता को ज्ञान मिले!

मेरे मन की दुर्बलता को

दृढ़ निश्चय का आधार मिले,

मरु के पीड़ित मानव मृग को

शीतल करुणा की धार मिले,

विश्वास सीप को, कर्मों की उन्मुक्त स्वाति का दान मिले!

मेरी ममता को ज्ञान मिले!

विश्राम नहीं, इन चरणों को

संदेश मिले नव जागृति का,

प्रति पग मेरा इतिहास लिखे

युग की पवित्र संस्कृति का,

अभिशापों को शीतल कर देने का मुझको वरदान मिले!

मेरी ममता को ज्ञान मिले!


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