हम संसार रूपी मरुस्थल के पथिक हैं। हमारी इस यात्रा में जो सर्वोत्तम वस्तु हमें प्राप्त होती है, वह है-”सच्चा मित्र”।
-आर. एल. ब्टीवेंशन