ये दहेज का दानव दुनियाँ
ये दहेज का दानव दुनियाँ, में बढ़ता ही जाता है।
इसे मिटा दें दुनियाँ से, ये कोमल कलियाँ खाता है॥
बड़े प्यार से पाला पोसा, बड़ा किया सुकुमारी को।
निज सामर्थ्य न होते भी, भिक्षा दी उच्च दुलारी को॥
बेटी तू जिस घर में जायेगी, रोशन उसे कर पायेगी।
तुझमें सद्गुण इतने तू, सब की सेवा कर पायेगी॥
पर दहेज का दानव सद्गुण, उसके सभी जलाता है॥
जितनी भी सामर्थ्य सभी, दिया बाप ने बेटी को।
मानो काट कलेजा सौंपा, विदा किया यों बेटी को॥
किसे पता था सदा सदा, विदा हो रही है लाली॥
तुझमें सद्गुण इतने तू, सब की सेवा कर पायेगी॥
पर दहेज का दानव सद्गुण, उसके सभी जलाता है॥