Quotation

March 1960

Read Scan Version
<<   |   <   | |   >   |   >>

प्रेम के जाग्रत होने का यह अर्थ नहीं है कि हम मधुरता और सुख में ही वितरण करें, किन्तु इस जागृति से हममें उन वीरोचित प्रयत्नों का जागरण हो, जहाँ मृत्यु से जीवन को अमरता प्राप्त होती है और कष्ट सहन के द्वारा वास्तविक आनन्द मिलता है।

-टैगोर

*****

हँसी की बात नहीं है, यह जीवन का सत्य है। मनुष्य मूर्ख है यदि वह अपना नुकसान देखकर रोता है। नुकसान होने पर ही आत्मा को विचार करने और ईश्वर को पूछने का समय मिलता है और सत्य का दर्शन भी प्रभु तभी करता है।

-टॉलस्टाय

*****

अपने शरीर को अन्तरीप समझो जिसमें समुद्र की लहरें दिन - रात टकराया करती हैं लेकिन तब भी वह अपने स्थान को नहीं छोड़ता। इसी प्रकार जितनी आपत्तियाँ तुम पर आवें, सभी को वीरता के साथ सहन करो और उनसे विचलित न हो।

-मारकस अनटोनियस


<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:







Warning: fopen(var/log/access.log): failed to open stream: Permission denied in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 113

Warning: fwrite() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 115

Warning: fclose() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 118