गायत्री विद्या के अमूल्य ग्रंथ रत्न

April 1954

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(1) गायत्री महाविज्ञान (प्रथम भाग) मू-3॥)

गायत्री विद्या का वैज्ञानिक आधार, साधना द्वारा गुप्त 24 शक्तियों का जागरण, वेद शास्त्रों तथा महापुरुषों द्वारा गायत्री का गुणगान, अनेकों अनुभव, गायत्री का शाप मोचन और उत्कीलन, यज्ञोपवीत और गायत्री का सम्बन्ध, अत्यन्त आवश्यक नियम, गायत्री द्वारा संध्या बंधन प्राणायाम, ध्यान, अनुष्ठान, हवन तथा तपश्चर्या की विधियाँ, अनेक प्रयोजनों के लिए अनेक प्रयोग।

(2) गायत्री महाविज्ञान (द्वि0 भाग) मू-3॥)

गायत्री महात्म्य, गायत्री गीता, गायत्री स्मृति, गायत्री उपनिषद्, गायत्री रामायण, गायत्री पंजर, गायत्री संहिता, गायत्री तन्त्र, गायत्री अभिचार, 24 गायत्री, गायत्री पुरश्चरण, गायत्री सहस्रनाम, गायत्री स्तोत्र, गायत्री लहरी आदि का संग्रह।

(3)गायत्री महाविज्ञान (तृतीय भाग) मू-3॥)

गायत्री द्वारा 84 प्रकार की महत्वपूर्ण एवं चमत्कारी योग साधना का विस्तृत वर्णन है गायत्री के पाँच मुख तथा दस भुजाओं का रहस्य, हठयोग, राजयोग, लययोग, नादयोग, ऋजुयोग, प्राणयोग, शब्दयोग, स्वरयोग की विधियाँ, बन्ध, मुद्रा, पंच, तन्मात्रा, ग्रन्थिभेदन, पंचीकरण, भूत शुद्धि, समाधि, तुरीयावस्था, आत्म दर्शन, सोऽहं का साधन, तन्त्र तथा वाममार्ग, मैस्मरेजम गायत्री द्वारा अनेक सिद्धियों की साधना। इसे योग विद्या का अद्वितीय ग्रन्थ ही समझना चाहिये।

(4) गायत्री के प्रत्यक्ष चमत्कार मू0 3॥)

अनेकों साधकों को, अपनी-अपनी साधना में हुए महान अनुभवों का उन्हीं की लेखनी से वर्णन किन व्यक्तियों को किस-किस गायत्री साधना से किस प्रकार क्या प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त हुए, निराशा एवं असफलता के अन्धकार पूर्ण वातावरण पलट कर किस प्रकार आशा और सफलता के प्रकाश उपलब्ध हुए, इसके सैकड़ों सचित्र उदाहरण।

(5) गायत्री यज्ञ विधान-मू0 3॥)

यज्ञ का रहस्य, विज्ञान, विधान, विवेचन, कारण हेतु, महत्व आदि को पूरे विस्तार एवं प्रमाणों के साथ समझाया गया है। इस पुस्तक के आधार पर पूर्ण शास्त्रोक्त विधि-विधान का छोटा या बड़ा यज्ञ कोई भी व्यक्ति बड़ी आसानी से कर सकता है।

(6) सचित्र गायत्री शिक्षा - मू0 2)

गायत्री के 24 अक्षरों में 24 महान सिद्धान्त छिपे हुए हैं। उनको समझने के लिए 24 श्लोक, 24 लेख, 24 भाव पूर्ण कविताएँ तथा 26 आर्ट पेपर पर छपे हुए कलात्मक तिरंगे चित्र हैं।

(7) गायत्री चित्रावली-मू0 1)

विविध प्रयोजनों के लिए गायत्री के विविध ध्यानों के लिए आर्ट पेपर पर छपे हुए 24 तिरंगे चित्र तथा परिचय।

(8) गायत्री का मन्त्रार्थ-मू0 1)

गायत्री के एक-एक अक्षर की विस्तृत शास्त्रीय व्याख्या तथा अनेक ऋषियों के अर्थों का संग्रह।

छोटा सैट- उपरोक्त पुस्तकों के कुछ स्थलों का संक्षिप्त साराँश लेकर यह पुस्तकें भी छापी गई हैं।

1-गायत्री ही कामधेनु है), 2-गायत्री का वैज्ञानिक आधार), 3-वेद शास्त्रों का निचोड़ गायत्री), 4-गायत्री की सर्वसुलभ साधनाएँ), 5-अनादि गुरुमन्त्र गायत्री), 6-सचित्र गायत्री), 7-गायत्री के 14 रत्न (प्र0 भाग), 8-गायत्री के 14 रत्न (द्वि0 भाग), 9-विपत्ति निवारण गायत्री), 10-स्त्रियों का गायत्री अधिकार), 11- गायत्री सहस्रनाम पाठ)

अत्यन्त सस्ती एवं सुन्दर वितरण योग्य पुस्तकें

1-गायत्री की गुप्त शक्ति), 2-सुख शान्ति दायिनी गायत्री), 3-गायत्री से बुद्धि विकास), 4-गायत्री की दिव्य सिद्धियाँ) 5-गायत्री का अथ सन्देश), 6-स्त्रियों की गायत्री साधना), 7-गायत्री उपासना कैसे करें), 8-गायत्री से यज्ञ का सम्बन्ध), 9-गायत्री चालीसा), 10-गायत्री का तिरंगा चित्र)

मूल्य में कमी के लिए लिखना बिलकुल व्यर्थ है। हाँ 6 रु0 से अधिक मूल्य की पुस्तकें लेने पर डाक खर्च अपना लगा दिया है।

पता- ‘अखण्ड ज्योति’ प्रेस मथुरा।


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