संयम संतोष उन्हें भाता, जो ब्रह्मवृत्ति अपनाते हैं।
जो सदवृत्ति अपनाते हैं बस, वही साधु कहलाते हैं॥
संयम से बचे शक्ति साधन, जिनके जगहित लग जाते हैं।
है कल्पवृक्ष मानव ऐसे, यह मर्म वेद बतलाते हैं।।
दोहा- फलदायी सबसे अधिक, कल्पवृक्ष उद्यान।
उसके हित जो श्रम करे, वह है पुण्य महान॥