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Akhand Jyoti
Year 1973
Version 2
मस्तिष्क पर...
मस्तिष्क पर कुविचारों को हावी न होने दें
October 1973
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Page Titles
सफलता के मणि मुक्तकों की प्राप्ति
तुम पृथ्वी के सब से आवश्यक मनुष्य हो
सुखाकाँक्षा में भटकती अविकसित मनःस्थिति
Quotation
सर्वं ब्रह्ममयं जगत्
प्रतिमानव भी मिल जायेगा पर हमें जीवित नहीं छोड़ेगा
Quotation
खमीर आकार में छोटा उपयोग में बड़ा
अखण्ड आनन्द पा सकना अपने ही हाथ की बात है
सदाशयता के प्रति प्रगाढ़ श्रद्धा रखें
काल और दिशा सम्बन्धी प्रकृति प्रेरणा
अन्तःस्थिति का प्रकटीकरण तेजोवलय के रूप में
सम्प्रदाय और राजनीति का स्थान अध्यात्म और विज्ञान को मिलेगा
जिन्दगी मौत से ज्यादा मजबूत है
मृत्यु का दिन विवाह जैसा आनन्ददायक
मारना ही नहीं मरना भी सखें
पक्षी कई क्षेत्रों में हम से आगे हैं
अद्भुत क्षमताओं से सम्पन्न चमगादड़
घ्राणशक्ति का जीवन विकास में महत्वपूर्ण स्थान है
प्रकृति की क्रूर कठोरता से सावधान
गौ की ब्राह्मण और देवता से तुलना का आधार
मस्तिष्क पर कुविचारों को हावी न होने दें
शब्दवेधी बाण आज भी चलते हैं
दुनिया छोटी हो रही है, मनुष्य घनिष्ठ हो रहा है
चिन्तन पराधीनता की विभीषिका का रोमाँचकारी संकट
आनन्द और स्वतंत्रता की प्राप्ति
अपनों से अपनी बात
चिर-आकाँक्षा (kavita)
ॐ भू र्भुवः स्वः
तत्
स
वि
तु (र्)
व
रे
णि
यं
भ
र्गो
दे
व
स्य
धी
म
हि
धि
यो
यो
नः
प्र
चो
द
या
त्
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