VigyapanSuchana

October 1981

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प्रज्ञा परिजनों को युग सन्धि के आगामी बीस वर्षों में अति महत्वपूर्ण अग्रगामी भूमिका निभानी है। इस समय के उनके क्रिया-कलापों, परिस्थितियों के समाधान परक विवेचन तथा उपचार-साधना के प्रत्यक्ष मार्ग-दर्शन के लिये ‘प्रज्ञा अभियान’ पत्रिका का एक विशेषाँक इस आश्विन नवरात्रि पर प्रकाशित किया गया है। इसका साइज ‘अखण्ड-ज्योति’ के समान ही है एवं पृष्ठ संख्या 2 अंकों के बराबर। इसमें छपे लेखों पर प्रश्न पूछे जायेंगे व सही उत्तर भेजने वालों को ‘वरिष्ठ प्रज्ञापुत्रों’ की मान्यता मिलेगी। मान्यता प्राप्त ये वरिष्ठ प्रज्ञापुत्र परिवार के अंतरंगों में गिने जायेंगे व आगामी विषम बेला में उनकी भूमिका मुख्य होगी। यह विशेषाँक संयुक्ताँक के रूप में ‘गायत्री तपोभूमि मथुरा’ से प्रकाशित किया गया है।


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