१. क्या हम केवल तीव्र भूख लगने पर ही खाते हैं?
२. पहला भोजन पचने की प्रतीक्षा किये बिना क्या बीच- बीच में कुछ वस्तुएँ स्वाद के लिए तो नहीं खाते रहते हैं?
३. कहीं आधे पेट से अधिक भोजन तो नहीं कर लेते ?
४. कहीं पतली चीजों के साथ भोजन जल्दी तो नहीं निगल लेते?
५. क्या भोजन में अन्न आधे से कम रहता है?
६. कहीं हमारा भोजन मांस, मछली, पकवान, मिठाई, चटनी, आचार, मिर्च मसाले जैसे हानिकारक पदार्थों से तो नहीं भरा रहता ?
७. चाय, तंबाकू, पान की भरमार से पेट खराब तो नहीं हो रहा है?
८. क्या जल्दी सोते, जल्दी उठते हैं?
९. क्या हमारी रोटी बेईमानी से तो कमाई हुई नहीं होती?
१०. क्या इतना श्रम करते हैं कि थक कर रात को सो जाएँ ?
११. क्या दिनचर्या में व्यायाम, मालिश, आसन, टहलना शामिल हैं?
१२. क्या हमको गन्दगी से घृणा है?
१३. क्या हम ब्रह्मचर्य की मर्यादाओं का पालन करते हैं?
१४. क्या हम चिंता, शोक, क्रोध, आवेश, ईर्ष्या, द्वेष, उत्तेजना, भय, आशंका, निराशा से ग्रसित तो नहीं हैं?
१५. हँसने और मुस्कुराने की आदत तो नहीं छोड़ दी है?
१६ क्या हम उपवास करते हैं?
१७ शारीरिक, मानसिक श्रम की मात्रा शक्ति से बाहर तो नहीं है?
१८ बात-बात में दवादारू की भरमार तो नहीं करते ?
१९ क्या हमने उपासना के लिए दैनिक कार्यक्रम में कोई समय नियत रखा है?