गायत्री से संकट निवारण
गायत्री बड़ी चमत्कारी साधना है। इसके द्वारा मनुष्य को साधारण लौकिक और पारलौकिक लाभ तो प्राप्त होते ही हैं, और अनेक कामनाओं की पूर्ति भी होती है; पर अनेक समय इसके प्रभाव से मनुष्य की इस प्रकार रक्षा हो जाती है कि उसे दैवी चमत्कार के सिवाय और कुछ नहीं कहा जा सकता। कारण यही है कि इस साधना के कारण साधक में कुछ दैवी तत्वों का भी विकास हो जाता है जो ऐसी आकस्मिक आवश्यकता अथवा संकट के समय अदृश्य रूप से उसके सहायक बनते हैं। प्रायः यह भी देखा गया है कि जो व्यक्ति साधना करके अपने मन और अन्तर को शुद्ध तथा निर्मल बना लेते हैं और ईर्ष्या-द्वेष के भावों को त्याग कर दूसरों के प्रति कल्याण की भावना रखते हैं, उनकी रक्षा दैवी शक्तियां स्वयं भी करती हैं। इस पुस्तक में अनेक गायत्री उपासकों के जो अनुभव दिये गये हैं उनसे यह भली प्रकार प्रमाणित होता है कि जिन लोगों को गायत्री माता के आदेशानुसार आत्मशुद्धि और जगत के मंगल की भावना को अपना लिया है, उनकी रक्षा बड़ी-बड़ी आयात्रियों से भी सहज में हो जाती है।
Write Your Comments Here: