वर्तमान चुनौतियाँ और युवावर्ग

जीवन का उत्कृष्ट बनाने हेतु कुछ सुझाव

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* कम से कम दस मिनट नित्य नियमित उपासना।
* परिवार वह पड़ोस में अपने से बड़ों का नियमित अभिवादन।
* छोटों के सम्मान का सदैव ध्यान रखना।
* परिश्रमशीलता का अभ्यास करना, किसी काम को छोटा न समझना।
* नियमित स्वाध्याय करना। जीवन को सही दिशा देने वाला सत्साहित्य कम से कम एक घंटा प्रतिदिन स्वयं पढ़ना या सुनना।
* सादगी का जीवन जीना। औसत भारतीय स्तर के अनुरूप ही अपना रहन-सहन रखना तथा उसमें गौरव का अनुभव करना।
* परिवार में सामूहिक उपासना, प्रार्थना, आरती आदि का क्रम प्रारम्भ करना।
* समाज के प्रति एवं अपने उत्तरदायित्वों के प्रति सदैव जागरूक रहना तथा पूरी शक्ति से अपने कर्तव्यों का पालन करना।
* ज्ञान यज्ञ एवं सद्विचारों के प्रचार-प्रसार के लिए यथासंभव अपनी क्षमता व प्रतिभा को नियोजित करना।
* समाज में सद्प्रवृत्तियां बढ़ाने हेतु जिए जाने वाले सामूहिक प्रयासों में उत्साह भरा योगदान देना।
उत्कृष्ट जीवन ही सफलता का स्वर्णिम सूत्र है।
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