दिव्य शक्तियों का उद्भव प्राणशक्ति से

अतींद्रिय सामर्थ्यों का मूल स्त्रोत प्राणमय कोश मलाया के राजा परमेसुरी अगोंग की पुत्री राजकुमारी शरीफा साल्वा के विवाह की तैयारियाँ बहुत धूम- धाम से की गई ।। उत्सव बहुत शानदार मनाया जाना था, किंतु विवाह के दिन धनघौर वर्षा आरंभ हो गयी और सर्वत्र पानी- ही पानी भरा नजर आने लगा ।। अब उत्सव का क्या ? अंतत: एक तांत्रिक महिला राजकीय सम्मान के साथ बुलाई गयी और उससे वर्षा रोकने के लिए कुछ उपाय उपचार करने के लिए कहा गया ।। फलत: एक आश्चर्यचकित करने वाला प्रतिफल यह देखा गया कि पानी तो उस क्षेत्र में बरसता रहा, पर समारोह के लिए जितनी जगह नियत थी, उस पर एक बूँद भी पानी नहीं गिरा और उत्सव अपने निर्धारित क्रम के अनुसार ठीक तरह सपन्न हो गया ।। ठीक ऐसा ही एक और भी घटना उस देश में सन् १९६४ मे हुई थी ।। उन दिनो राष्ट्रमंडलीय क्रिकेट दल खेलने आया था ओर उसे देखने के लिए भारी भीड उपस्थित थी ।। दुर्भाग्य से नियत समय पर भारी वर्षा आरंभ हो गयी ।। कुआलालपुर नगर पर घनघोर धटाएँ बरस रही थी ।। अब खेल का क्या हो ? मैदान पानी से भर जाने पर तो सूखना बहुत दिनों तक संभव नहीं हो सकता था ।। इस विपत्ति से बचने के लिए वही के तांत्रिकों की सहायता लेना उचित समझा गया ।। अस्तु मलाया क्रिकेट ऐसोसियेशन के अध्यक्ष ने आग्रहपूर्वक रँबाउ के जाने- माने तांत्रिक को ।। उसका प्रयोग भी चकित करने वाला रहा ।……

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