क्या आप जानते हैं ?
नया सफेद कपड़े का टुकड़ा हल्दी से रंगिये। कपड़ा सुखा कर उसमें तुलसी-मूल लपेटिये। कपड़े को नए घड़े में रखकर, मिट्टी का नया ढक्कन रखिये।
नया मकान बनाते समय इस घड़े को मकान की नींव में रख दीजिये। मकान पर बिजली कभी नहीं गिरेगी। तीव्रता के कारण यदि कभी गिरी तो सीधे पृथ्वी में समा जाएगी। मकान बच जायगा।
तुलसी - मूल में अधिक मात्रा में विद्युत - शक्ति होती है।
तुलसी की लकड़ी की माला पहनने से
(क) बिजली का भय कम हो जाता है।
(ख) शारीरिक विद्युत सुरक्षित रहती है।
(ग) व्यक्ति दीर्घजीवी व स्वस्थ रहता है। सदाचार को बनाए रखने में अधिक सफल होता है।
तुलसी के पौधे के सामने और समीप बैठकर किया गया धर्मकृत्य, विशेषतः जप अधिक प्रभावी होता है।
तुलसी से समीप विविध रोग उत्पन्न करने वाले कीटाणु नहीं आ पाते। आस-पास का क्षेत्र भी कीटाणु रहित हो जाता है। वायु शुद्ध होती है। सात्विक भावों को स्वाभाविक रूप से संचार होता है। अतः मनःशुद्धि व स्वास्थ्य लाभ होते हैं।
गाय के दही (ताजा) में 35-40 श्यामा तुलसी (न मिले तो सामान्य तुलसी) मसल कर सुबह शाम सेवन करने से 40-60 दिन में कैंसर नष्ट हो जाता है।
घनी आबादी वाले बड़े शहरों में वृक्षारोपण द्वारा प्रदूषण रोकना सम्भव नहीं है (स्थानाभाव) ऐसे शहरी क्षेत्रों में गमलों में तुलसी लगाकर रखने से घर तक शहर का वायु-प्रदूषण दूर किया जा सकता है।
तुलसी की चाय रोज पीने से मलेरिया कभी नहीं होता।