नार्वे की पहाड़ियों में एक चूहे जैसा छोटा जन्तु होता है ‘लेमिंग’। इनकी प्रजनन शक्ति बहुत तीव्र है। पहाड़ियों पर वे टिड्डी दलों की तरह छाये दीखते हैं और घास-पात साफ कर डालने पर भूखों मरने लगते हैं।
तब प्रकृति की कुछ विचित्र प्रेरणा होती है। वे झुण्ड के झुण्ड बनाकर समुद्र की ओर चल पड़ते हैं और उसी में डूबकर सामूहिक आत्म-हत्या करते हैं। अन्ततः प्रकृति उन्हें उतनी ही संख्या में बचने देती है जितनी कि उन पहाड़ियों पर जगह है। जनसंख्या की अंधाधुन्ध वृद्धि का परिणाम आत्म-हत्या हो सकता है, यह नियम जन्तु लेमिंग से भी मनुष्य सीख सकें तो कितना अच्छा हो।
----***----