शिष्ट बनें सज्जन कहलायें

सभ्यता और शिष्टाचार का पारस्परिक संबंध इतना घनिष्ठ है कि एक के बिना दूसरे को प्राप्त कर सकने का ख्याल निरर्थक है ।। जो सभ्य होगा वह अवश्य ही शिष्ट होगा और जो शिष्टाचार का पालन करता है उसे सब कोई सभ्य बतलाएँगे ।। ऐसा व्यक्ति सदैव ऐसी बातों से बचकर रहता है जिनसे किसी के मन को कष्ट पहुँचे या किसी प्रकार के अपमान का बोध हो ।। वह अपने से मत भेद रखने वाले और विरोध करने वालों के साथ भी कभी अपमानजनक भाषा का प्रयोग नहीं करता ।। वह अपने विचारों को नम्रतापूर्वक प्रकट करता है और दूसरों के कथन को भी आदर के साथ सुनता है ।। ऐसा व्यक्ति आत्म प्रशंसा के दुर्गुणों से दूर रहता है और दूसरों के गुण की यथोचित प्रशंसा करता है ।। वह अच्छी तरह जानता है कि अपने मुख से अपनी तारीफ करना ओछे व्यक्तियों का लक्षण है ।। सभ्य और शिष्ट व्यक्ति को तो अपना व्यवहार बोल- चाल कथोपकथन ही ऐसा रखना चाहिए कि उसके सम्पर्क में आने वाले स्वयं उसकी प्रशंसा करें ।।

Write Your Comments Here:







Warning: fopen(var/log/access.log): failed to open stream: Permission denied in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 113

Warning: fwrite() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 115

Warning: fclose() expects parameter 1 to be resource, boolean given in /opt/yajan-php/lib/11.0/php/io/file.php on line 118