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Akhand Jyoti
Year 1996
Version 1
जीवन एक कलाकार...
जीवन एक कलाकार की तरह जीना सीखें
June 1996
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Page Titles
जीवन एक कलाकार की तरह जीना सीखें
काँटे वरदान हैं प्रभु के
अब वैज्ञानिक सुधारेंगे मानवी नस्ल को
कुण्डलिनी जागरणः एक विज्ञान सम्मत अध्यात्म उपचार
दो धमार्त्मा
यंत्रों के गुलाम तो न बनें हम
कमर्योग के मूल मर्म को समझें, आत्मसात करें
अध्यात्म हर दृष्टि से वरिष्ठ और वरेण्य हे
अराजकता मिटेगी आस्थाओं के परिष्कार से
रोइये अथवा हँसिये पर तनाव को निकाल फेंकिये
आत्मिक बलिष्ठता हेतु प्राणों को साधिए
हाय री बुद्धिमत्ता, हाय री प्रज्ञाशीलता!
सप्तलोक, सप्त आयामों का ज्ञान एवं विज्ञान
ध्यान साधना से अन्तःशक्तियों का जागरण- प्रस्फुटन
बड़े विलक्षण हैं कुदरत के खेल
संघर्ष नहीं, सहयोग पर टिकी है यह सृष्टि
बिना परिश्रम का धन- शैतान का
जरा ईश्वर पर विश्वास करके तो देखें
देखिए भविष्य की झाँकी स्वप्नों के माध्यम से
भली एवं उदार प्रेतात्माएँ भी होती हैं
समस्याओं का समाधान होगा, आश्वस्त रहें
सूर्य साधना का माहात्म्य समझें और लाभ उठायें
जिसने राष्ट्र को मां माना
अन्तरात्मा की मार से कब तक बचेंगे?
अनुयाज-पुनगर्ठन-१, विशेष लेखमाला-५, चिन्तन साथर्क बनाता है स्वाध्याय को
परम पूज्य गुरुदेव की अमृतवाणी- आत्मशोधन, आत्मपरिष्कार एवं कायाकल्प
निभीर्क, सिद्धान्तवादी होता है लोकसेवी
पुनप्रर्काशित विशेष लेखमाला-१२ लोकसेवी की आचार संहिता (समापन किश्त)
अपनों से अपनी बात- युग नेतृत्व महान् आत्माएँ ही कर सकेंगी
ॐ भू र्भुवः स्वः
तत्
स
वि
तु (र्)
व
रे
णि
यं
भ
र्गो
दे
व
स्य
धी
म
हि
धि
यो
यो
नः
प्र
चो
द
या
त्
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