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Akhand Jyoti
Year 1989
Version 1
उच्चस्तरीय रहस्यमय-प्राण तत्त्व
उच्चस्तरीय रहस्यमय-प्राण तत्त्व
November 1989
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क्षुद्रता अपनाने से हानि ही हानि
जब जाग उठी अंतः की संवेदना
भूल को सुधारने का ठीक यही समय
यदि आसक्ति छूट जाय तो
दैवी चेतना का प्रभावी प्रचण्ड प्रवाह
कहीं मनुष्य यंत्रमानव न बन जाय
क्या है आपकी उम्र?
सब धमोर् में एक ही है, उस परमसत्ता का स्वरूप
दो प्रचण्ड शक्तियों का समन्वय
त्रिविध आधारों को अपनायें, प्रतिभाशाली बनें
परोक्ष जगत् से उतरते दिव्य संकेत
जिजीविषा की अजेय चमत्कारी सामर्थ्य
अन्तरंग त्राटक की महान् महत्ता
महाक्रान्ति सुनिश्चित एवं अति निकट
छोटी-छोटी बातों की जीवन में महत्ता
आनन्द और उल्लास का अजस्र निझर्र
अतीन्दि्रय क्षमता कोरी करामात नहीं
न सेचो, अकेली किरण क्या करेगी?
उच्चस्तरीय रहस्यमय-प्राण तत्त्व
आवेशों को हावी न होने दें
अनन्त सम्भावनाओं का स्रोत मानवी मन
एक और अंगुलिमाल
भावी पीढ़ी चरित्रवानों की होगी
संगीत द्वारा काया एवं मन का उपचार
व्यक्ति को माध्यम बनाती है समष्टि सत्ता
अशान्ति के क्षणों में शान्ति का आह्वान
अदृश्य के गर्भ में छिपी अलौकिकताएँ
विलक्षण अद्भुत प्रेम का रसायन शास्त्र
आइये, उजले-उजले संकल्प करें
मन की निद्वर्न्द और और निश्चित स्थिति
मधु संचय
स्वप्न एक वैज्ञानिक सत्य
एक-एक पल का असाधारण महत्त्व
ईश प्राथर्ना में निहित चुम्बकीय शक्ति
आइये मानवता के ट्रस्टी बनें
प्रकृति में दृश्यमान सहयोग-सहकार भरा सद्भाव
प्रतिभाएँ औरों के लिए जीती हैं
लोकसेवा के निमित्त संघबद्ध प्रयास
ॐ भू र्भुवः स्वः
तत्
स
वि
तु (र्)
व
रे
णि
यं
भ
र्गो
दे
व
स्य
धी
म
हि
धि
यो
यो
नः
प्र
चो
द
या
त्
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