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Akhand Jyoti
Year 1981
Version 1
पढ़े और पायें...
पढ़े और पायें
June 1981
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Page Titles
उत्तरोत्तर विकास एक सहज जीवन- क्रम
तप करुणा और त्याग
सातों लोक अपने ही इर्द- गिर्द
प्राण- शक्ति द्वारा कठिन रोगों का उपचार
सत्यं शिवं सुन्दरम से युक्त जीवात्मा
सरलता मनुष्य का गौरव
वैभव ही सब कुछ नहीं पराक्रम भी चाहिए
अनुशासित विश्व व्यवस्था और ईश्वरी सत्ता
धर्म धारणा की उपेक्षा उसकी विकृतियों के कारण
मात्र विज्ञान नहीं सद्ज्ञान भी चाहिए
अविज्ञात प्राणियों की अंतरिक्षीय खोजबीन
तप का दुख:परम सुख का सृजेता
प्रेता भी भले और उदार होते है
जन्मजात प्रतिभा पूर्व जन्म के संस्कार
सफलता संकल्पवानों को मिलती है
पढ़े और पायें
प्रसन्न रहिए ताकि स्वस्थ रह सकें
धरती की तरह ही आत्म -सत्ता भी सामर्थ्य पुंज
यज्ञ की अनिवर्चनीय महता
गायत्री उपासना से माया- मुक्ति
सुर्य सान्निध्य से जीवन शक्ति का अजस्र लाभ
योगाभ्यास मानवोपचार की अति महत्वपुर्ण प्रकिया
व्यंग जो वरदान वना
अपनों से अपनी बात
साधना का स्वर बनूँ मैं!
ॐ भू र्भुवः स्वः
तत्
स
वि
तु (र्)
व
रे
णि
यं
भ
र्गो
दे
व
स्य
धी
म
हि
धि
यो
यो
नः
प्र
चो
द
या
त्
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