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Akhand Jyoti
Year 1973
Version 1
व्रतशील जीवन की...
व्रतशील जीवन की गरिमा
August 1973
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Page Titles
व्रतशील जीवन की गरिमा
साधना की तन्मयता
लघु कहानी– सम्राट पाइरस
ब्रह्माण्डव्यापी चेतना में घनिष्ठता होने की सुखद सम्भावना
हमारे जीवन का सूर्य अस्त तो होगा ही
आत्म उभयलिंगी है- नर भी नारी भी
अहं के चंगुल में जकड़ा संसार
दयालुता का दम्भ
लघु कहानी– वेद में कहा गया है
स्पष्ट नास्तिकवाद बनाम प्रच्छन्न नास्तिकवाद
डरपोक अपना स्वास्थ्स गँवाता है और मनोबल
Quotation
अपने को जानो- आत्म निर्भर बनो
प्राणियों की अतीन्दि्रय एवं विलक्षण शक्ति
लघु कहानी– मनुष्य ब्रह्मा जी के पास पहुँचा
दिन में दिखने वाले तारे
विचार शक्ति की महिमा और गरिमा समझी जाय
Quotation
पवित्र धन जो मिल ही न सका
संगीत की जीवनदात्री क्षमता
लघु कहानी
यज्ञ की उपयोगिता का वैज्ञानिक आधार
विभूतिवान् व्यक्तियों का अभिवर्द्धन आवश्यक
हर किसी की दुनियाँ उसी की विनिर्मित है
गृहस्थ और स्वावलम्बी रहते हुए योगी यति बनें
जलती आग के ईंधन
वनपरी की प्रतिध्वनि
सीधी सरल जिन्दगी जिएँ, दीर्घजीवी बनें
सत्य हमारी मान्यताओं तक ही सीमित नहीं
योग साधना के चमत्कारी परिणाम
सिंह भी पालतू कुत्ते जैसे सौम्य हो सकते हैं
नमक बिना आसानी से रहा जा सकता है
आलस और असावधानी से अस्तित्व को खतरा
लघु कहानी– दो सन्तान थी (kahani)
सीमित साधनों से असीम की खोज का दुस्साहस
अपनों से अपनी बात– दृष्टिकोण के परिवर्तन से ही वाह्य परिस्थितियाँ बदलेंगी
बनो पुनः मेघदूत नव!
ॐ भू र्भुवः स्वः
तत्
स
वि
तु (र्)
व
रे
णि
यं
भ
र्गो
दे
व
स्य
धी
म
हि
धि
यो
यो
नः
प्र
चो
द
या
त्
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