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Akhand Jyoti
Year 1969
Version 1
प्रार्थना ही नहीं...
प्रार्थना ही नहीं पवित्रता भी-सन्त तिरुवल्लुवर
March 1969
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Page Titles
प्रार्थना ही नहीं पवित्रता भी-सन्त तिरुवल्लुवर
आत्मा असीम शक्तियों का केन्द्र बिन्दु
आत्मा की समीपता की ओर कदम
कर्मयोग और कर्म कौशल
यज्ञ से सुख और समृद्धि का भौतिक विज्ञान
भक्ति पथ की जीवन नीति
चेतना का अस्तित्व और अनुभूति
मन का जीतना-सबसे बड़ी विजय
ग्रह नक्षत्र में जीवन का अस्तित्व
स्वाध्याय जीवन विकास की अनिवार्य आवश्यकता
ब्रह्म का नाद स्वरूप और शक्ति परिचय
हमारा दृष्टिकोण संकीर्ण नहीं विशाल हो
अमरत्व और इच्छा आयु असम्भव नहीं
ब्रह्मचर्य शारीरिक और मानसिक स्वस्थता का आधार
सर क्यूज की रोती हुई प्रतिमा
कठिनाइयों से लड़ें और अपना साहस बढ़ायें
अदृश्य किन्तु प्रभावोत्पादक शक्ति-संगीत
पशु बलि से देवता अप्रसन्न होते हैं और बदनाम भी
महासपणी कुण्डलिनी और उसका महासर्प
अपनों से अपनी बात-हमारे पाँच पिछले और पाँच अगले कदम
ग्रीष्म शिविरों में आने का सादर आमंत्रण
स्वावलम्बन एवं व्यक्ति निर्माण की शिक्षा
मानवता का मन्दिर (कविता) -बलरामसिंह परिहार
ॐ भू र्भुवः स्वः
तत्
स
वि
तु (र्)
व
रे
णि
यं
भ
र्गो
दे
व
स्य
धी
म
हि
धि
यो
यो
नः
प्र
चो
द
या
त्
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