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Akhand Jyoti
Year 1968
Version 1
धर्म न तो...
धर्म न तो अवैज्ञानिक है और न अनुपयोगी-स्वामी विवेकानन्द
November 1968
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धर्म न तो अवैज्ञानिक है और न अनुपयोगी-स्वामी विवेकानन्द
परमात्मा की प्राप्ति सच्चे प्रेम द्वारा ही सम्भव है
ज्ञान ही मनुष्य की वास्तविक शक्ति
हमारी जीवन नीति आदर्शवाद से प्रेरित हो
विराट् ब्रह्म का भावनात्मक पार-दर्शन
भूगोल बदल रहा है, इतिहास भी बदलेगा
आत्मा का अस्तित्व-अमान्य न किया जाय
सम्पत्तियाँ नहीं विभूतियाँ श्रेयस्कर है
मानव शरीर एक सर्वांगपूर्ण यंत्र है
अदृश्य लोक के निवासी- हमारे अदृश्य सहायक
मनुष्य शरीर की एक रहस्यमय शक्ति-कुण्डलिनी
प्रेम साधना द्वारा आन्तरिक उल्लास का विकास
उपयोगितावाद हमें हिप्पी बनाकर छोड़ेगा
लोकान्तर आवागमन-एक तथ्य, एक सत्य ।
भविष्य-दर्शन का विज्ञान
हम धैर्य और साहस के साथ ही आगे बढ़ें
जीवन-शक्ति का अजस्र स्रोत-संगीत
दैवी शक्ति द्वारा गुप्त रहस्यों का उद्घाटन
गर्भस्थ शिशु का इच्छानुवर्ती निर्माण
गायत्री का देवता सविता पर एक वैज्ञानिक दृष्टि
अपनो से अपनी बात-हम अपना स्वरूप समझें और कर्त्तव्य सम्भालें
ॐ भू र्भुवः स्वः
तत्
स
वि
तु (र्)
व
रे
णि
यं
भ
र्गो
दे
व
स्य
धी
म
हि
धि
यो
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नः
प्र
चो
द
या
त्
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