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Akhand Jyoti
Year 1968
Version 1
विश्व कल्याण जप...
विश्व कल्याण जप के साथ आत्मार्पण का ध्यान
April 1968
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सच्ची व चिरस्थायी प्रगति के दो अवलम्बन-स्वामी कृष्णानन्द
सकल किन्तु सर्वांगपूर्ण साधना-पद्धति
इस महान् अवलम्बन का परित्याग न करें ।
उपासना की सफलता के मूलभूत आधार
उपासना- कतिपय मार्मिक भावना स्तर
आत्मिक प्रगति के दो प्रधान आधार
दैनिक उपासना की सरल किन्तु महान् प्रक्रिया
आत्म कल्याण जप के साथ पयपान का ध्यान
विश्व कल्याण जप के साथ आत्मार्पण का ध्यान
नित्य के दो पाठ- श्री गायत्री चालिसा
पूजा पद्धति और उसके मंत्र
परम् तेज-पुंज ज्योति अतवरण-साधना
नवरात्रि में अनुष्ठान तपश्चर्या
उपासना ही नहीं साधना भी
जीवन-साधना की चिन्तन पद्धति
हमारा समस्त जीवन ही साधना मय बनें
परमार्थ-पथ का अवलम्बन
इस युग का अभूतपूर्व महापुरश्चरण और उसकी भागीदार
निवेदिता की गुरु-दीक्षा (कविता)
ॐ भू र्भुवः स्वः
तत्
स
वि
तु (र्)
व
रे
णि
यं
भ
र्गो
दे
व
स्य
धी
म
हि
धि
यो
यो
नः
प्र
चो
द
या
त्
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