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Akhand Jyoti
Year 1966
Version 1
आवश्यकतायें बढ़ाइये मत-घटाइये
आवश्यकतायें बढ़ाइये मत-घटाइये
October 1966
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Page Titles
अन्तःकरण का प्रकाश ही जीवन को ज्योतिर्मय करता है - स्वामी शिवानन्द
आस्तिकता का स्वरूप एवं प्रतिफल
भावना पर हमारे जीवन का विकास निर्भर है
सुख का मूलभूत आधार-संतोष
मृत्यु सदा स्मरण रखें ताकि उससे डरना न पड़े
जीवन उत्कृष्टता के साथ जिया जाय
सत् अध्ययन आत्म-उत्थान का आधार
स्वच्छता एक आध्यात्मिक पुण्य प्रक्रिया
आवश्यकतायें बढ़ाइये मत-घटाइये
भिक्षावृत्ति मानवीय स्वाभिमान पर कलंक
मंदिर अपना प्रयोजन पूर्ण करें
गौ की सांस्कृतिक प्रतिष्ठा हमारा परम धर्म
गायत्री की उच्चस्तरीय साधना- गायत्री महाशक्ति का रतन भण्डार किसे मिलेगा
अपनों से अपनी बात- परिवार घटने का असमंजस और खेद
धरती की शपथ (कविता)
ॐ भू र्भुवः स्वः
तत्
स
वि
तु (र्)
व
रे
णि
यं
भ
र्गो
दे
व
स्य
धी
म
हि
धि
यो
यो
नः
प्र
चो
द
या
त्
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