सचित्र गायत्री-शिक्षा
गायत्री, सार्वभौम मानव धर्म का बीज मन्त्र है। विभिन्न धर्मों,
सम्प्रदाओं, शास्त्रों, पैगम्बरों, धर्म प्रवर्त्तकों तथा देवदूतों ने जो
शिक्षाएं समय समय पर मनुष्य जाति को दी हैं उन सबका निचोड़, सारांश एवं मूल
तत्व गायत्री में मौजूद है। चौबीस अक्षरों का यह मन्त्र संसार का सबसे
छोटा धर्म शास्त्र है पर इसमें मानवीय आचार संहिता का सर्वोत्कृष्ट समावेश
है। मानव मात्र के लिए ईश्वरीय आदेश क्या हैं? उनका दिग्दर्शन गायत्री
मन्त्र से अधिक उत्तमता के साथ और कहीं नहीं हो सकता।
जिन 24 सिद्धान्तों का गायत्री के 24 अक्षरों में प्रतिपादन किया गया है वे
प्रत्येक सत्यनिष्ठ एवं विचारवान् आत्मा को निर्विवाद रूप से ग्राह्य हो
सकते हैं। साम्प्रदायिक सिर फुटौवल जिन विवादास्पद बातों को लेकर होती है।
उनकी गन्ध भी इन सिद्धान्तों में नहीं है। इस धर्मशास्त्र पर किसी भी
सम्प्रदाय को आपत्ति नहीं हो सकती। इसलिए यह एक सार्वभौम—मन्त्र,
धर्मशास्त्र एवं सामाजिक विधान सिद्ध होता है। इन शिक्षाओं को अपनाने से
मनुष्य सच्चा मनुष्य, सच्चा धार्मिक, सच्चा ईश्वर भक्त बन जाता है।
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