मूढ़ मान्यताओं की भूलभुलैयों में भटकें नहीं

समाज को जर्जर बनाती-यह ऊँच-नीच, जाति-पाँति प्रथा

<<   |   <   | |   >   |   >>
<<   |   <   | |   >   |   >>

Write Your Comments Here:


Page Titles