बाल निर्माण की कहानियाँ भाग-1

उमा के घर के पीछे एक बबूल का पेड़ था । उमा अपने कमरे की खिड़की से उसे देखती रहती थी । एक दिन उसने देखा कि एक चिड़िया बार-बार आ-जा रही है । वह अपनी चोंच में छोटे-बड़े तिनके लाती है उन्हें वह पेड़ की डाल पर रखती जाती है । उमा ने देखा कि एक बड़ा सुंदर घोंसला बनना शुरू हो गया है । यह सुंदर उसने अपनी माँ से पूछा माँ- चिड़िया कैसा घोंसला बना रही है, पर हमारे घर में जो चिड़िया घोंसला बनाती है, वह तो इतना अच्छा नहीं होता । ऐसा क्यों है

माँ ने कहा- बेटी! पेड़ पर तुम जो घोंसला देख रही हो, वह बया नाम की चिड़िया का है । बया घोंसला बनाने के लिए बड़ी प्रसिद्ध है । इसके घोंसले बड़े ही सुंदर होते हैं । इसका कारण यह है कि यह जी-जान से अपने काम में जुटी रहती है । यह अपने काम को पूरी मेहनत और लगन के साथ करती है, इससे इसका काम अच्छा होता है ।

यह कहकर माँ तो रसोई में खाना बनाने चली गई । अब उमा को शरारत सूझी । उसने खिड़की में से एक डंडा डाला । डंडे से घीरे-धीरे हिलाकर घोंसला गिरा दिया । इतने में दाना चुगकर चिड़िया वापस आई, उसने देखा कि घोंसला गिर पड़ा है । कुछ तिनके बिखर गए हैं, कुछ हवा में उड़ गए हैं ।

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