Loading...
All World
Gayatri Pariwar
Get App
Books
Magazine
Language
English
Hindi
Gujrati
Kannada
Malayalam
Marathi
Telugu
Tamil
Stories
Collections
Articles
Open Pages (Folders)
Kavita
Quotations
Visheshank
Quick Links
Book Catalog
Whats New
Downloads
Write to Us
Login
Books
अवांछनीय प्रचलनों को...
अवांछनीय प्रचलनों को उलटने की आवश्यकता
<<
|
<
|
|
>
|
>>
<<
|
<
|
|
>
|
>>
Also Read this Book in:
HINDI
अवांछनीय प्रचलनों को उलटने की आवश्यकता
Scan Book Version
Write Your Comments Here:
Page Titles
धर्म क्या है ? विकृतियाँ कैसे पनपती हैं ?
अंधविश्वासों के जाल में न उलझें
मानवी गरिमा पर एक कलंक-नरबलि
कैसा विचित्र है अंधविश्वासों के साये में पलता यह जीवन !
भेदभाव की दुष्प्रवृत्ति को उखाड़ फेंका जाए
सामाजिक एकता का घुन जाति-पाँति
परंपराओं का नहीं, विवेक का अनुसरण करें
औचित्य कि कसौटी पर इन्हें कसें
अवांछनीय प्रचलनों से समझौता न किया जाए
राष्ट्र पर लगा कलंक-भिक्षा व्यवसाय
ॐ भू र्भुवः स्वः
तत्
स
वि
तु (र्)
व
रे
णि
यं
भ
र्गो
दे
व
स्य
धी
म
हि
धि
यो
यो
नः
प्र
चो
द
या
त्
See More