परम पूज्य गुरदेव पं श्रीराम शर्मा आचार्य जी अपने परिजनों को अपना ज्ञानामृत हृदय की गहरी भवनाओं के साथ पिलाते रहे हैं । उनके प्रवचनों में उनके गहरे भाव एवं दर्द समाया हुआ है । उन्होंने जीवन निर्माण के सार सूत्रों को अति सरल शब्दों में समझाया है । उनके ये शब्द हमारी सब समस्याओं का समाधान करने में समर्थ हैं, हमें महामानव, देव-मानव बनाने में आध्यात्मिकता की ऊँची भाव स्थिति में ले जाने में पूर्ण सक्षम है , बस पूरे हृदय से इन शब्दों का अनुपालन किया जा सके । अपने आत्म-सुधार के प्रयासों में ये शब्द उत्प्रेरक बनकर हमें प्रेरित एवं प्रोत्साहित करतें रहेंगे । उनके प्रवचनों के प्रायः 5-5 मिनट के सार-अंश जो शान्तिकुञ्ज के प्रांगण में नित्य प्रातः गूँजते रहते हैं।