आयुर्वेद आयु के ज्ञान का भण्डार है ।। वास्तव में ज्ञान का निर्माण होता
नहीं, प्रत्युत्तर ज्ञान का सात्विक एवं विमल बुद्धि में प्रादुर्भाव होता
है ।। आयुर्वेद संसार का न केवल प्राचीन चिकित्सा विज्ञान है, अपितु
वह विज्ञान के साथ- साथ जीवन का दर्शन भी है ।। आयुर्वेद जो मानव के
स्वास्थ्य संरक्षण के साथ- साथ व्यापक रूप से उसके जीवन के आध्यात्मिक,
मानसिक, शारीरिक एवं सामाजिक पक्षों से सम्बन्धित है ।। जीवन को मौलिक रूप
से प्रतिपादित करने की परम्परा प्रारम्भ से ही आयुर्वेदज्ञों की ही रही है
।। आयुर्वेद अथर्ववेद का उपवेद एवं विश्व का आदि चिकित्सा विज्ञान
है ।। आयुर्वेद सृष्टि के प्रवाह के साथ प्रवाहित है और इसकी निरन्तरता तब
तक रहेगी, जब तक इस धरा पर मानवीय सृष्टि का प्रवाह होता रहेगा, क्योंकि यह
पूर्णरूपेण विज्ञान पर आश्रित नहीं, बल्कि शाश्वत, सत्य एवं सदैव अपने में
ही परिपूर्ण विज्ञान है ।। जिसका कारण त्रिकालदर्शी भारतीय ऋषियों ने अपने
तपोबल से इसका सम्पूर्ण ज्ञान प्राप्त कर प्राणिमात्र की सेवा का लक्ष्य
निर्धारित किया है ।।