महापुरुषों के अविस्मरणीय जीवन प्रसंग-2/2

परमपूज्य गुरुदेव की लेखनी के वाड्मय के इस खंड में भारतवर्ष ही नहीं, वरन संसारभर के शौर्य, साहस एवं बुद्धि, कर्म की धनी प्रतिभाओं, महामनीषियों, महामानवों, उत्कट देशभक्तों एवं सफल जननायकों के प्रेरणाप्रद चरित्रों, जीवन प्रसंगों का संकलन किया गया है । प्रस्तुत खंड में जिन महापुरुषों के जीवन प्रसंग दिए गए हैं, उनमें यही विशेषता है कि उन्होंने जन- जीवन में अपने देश को खपा देने एवं परतंत्रता की बेड़ी को उखाड़ फेंकने को ही सबसे बड़ी आत्मसाधना और परमात्मा की प्राप्ति समझा और तदनुसार आजीवन ऐसे कार्यों में लगे रहे, जिनसे दूसरे लोगों का कल्याण हो, उनके दुःख और अभावों में कमी हो सके । साधारण स्थिति से जीवन आरंभ करते हुए इन महामानवों ने संसार में ऐसे महान कार्य कर दिखाए जिनसे करोड़ों लोगों का कल्याण हुआ और जिसके लिए आज भी उनका नाम न केवल बड़े आदर और श्रद्धा के साथ लिया जाता है, वरन वे हम सबके लिए प्रेरणास्रोत बने हुए हैं। वाड्मय के इस खंड में उन महापुरुषों के अविस्मरणीय जीवन प्रसंगों को लिया गया है, जिन्होंने अपना सारा जीवन देश, समाज और संस्कृति की रक्षा में खपा दिया । जप, त्याग, बलिदान और लोक-मंगल ही उनका जीवनोद्देश्य रहा, ऐसे महामानवों के जीवन-चरित्र आज भी उतने प्रासंगिक एवं प्रेरणादायी हैं जितने कि तब थे । महापुरुषों का जीवन प्रसंग जनसामान्य के लिए अनुकरणीय माना गया है । उनमें भी जो जन्मजात कठिनाइयों से, अभाव और असहायता की परिस्थितियों से संघर्ष करके ऊँचा उठते हैं, वे और भी आदरणीय होते हैं और उन्हीं को हम अपना मार्गदर्शक चुन सकते हैं ।

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