गायत्री की गुप्त शक्तियाँ



गायत्री सनातन एवं अनादि मन्त्र है। पुराणों में कहा गया है कि—‘‘सृष्टि कर्ता ब्रह्म को आकाशवाणी द्वारा गायत्री मंत्र प्राप्त हुआ था इसी की साधना का तप करके उन्हें सृष्टि निर्माण की शक्ति प्राप्त हुई। गायत्री के चार चरणों की व्याख्या स्वरूप ही ब्रह्माजी ने चार मुखों से चार वेदों का वर्णन किया। गायत्री को वेदमाता कहते हैं। चारों वेद गायत्री की व्याख्या मात्र हैं।’’ गायत्री को जानने वाला वेदों को जानने का लाभ प्राप्त करता है।

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