धारावाहिक विशेष लेखमाला-१४, युगपुरुष पूज्य गुरुदेव पं( श्रीराम शर्मा आचार्य, युगऋषि जिनने साधना-सूत्रों को सरलमत बना दिया
May 1994
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- जर्रे-जर्रे में समाई ईश्वरीय सत्ता
- साधन, नहीं साधना
- सतयुग आएगा तो इसी आधार पर
- नर-पशु नहीं देव मानवों की पीढ़ी जन्में
- दलदल से उबरें, जीवनोद्देश्य को जानें
- यह वसुन्धरा वंध्या नहीं
- महत्त्वाकांक्षा की सनक से खड़े ये अजूबे
- भगवान् की इस धरोहर का दुरुपयोग न हो
- एक समग्र अध्यात्म का प्रतिपादक ग्रन्थ है गीता
- गायत्री महासत्ता की सुरक्षा-कवच
- आदर्शवादी धारणा ही मानवी उत्कर्ष में सहायक
- मूलभूत है अपने अंदर का देवत्व
- निर्भय जीवन ही श्रेष्ठ जीवन
- आत्मिक प्रगति को सरल बनाती है, संयम साधना
- वार्द्धक्य को गरिमायुक्त बनाया जा सकता है
- विपत्ति भी एक वरदान
- उदासी पाल कर क्यों दुनिया को दुखी करते हैं आप
- जाग्रत् जनशक्ति नवयु के सरंजाम खड़े करेगी
- प्रज्ञायोगः एक युगानुकूल साधना प्रयोग
- परम पूज्य गुरुदेव की अमृतवाणी, चार चरण-साधना, स्वाध्याय, संयम, सेवा
- आवाज दे रहा महाकाल- आश्वमेधिक वसंत
- प्रतीक्षा में न बैठें, स्वयं ही बढ़ चलें
- धारावाहिक विशेष लेखमाला-१४, युगपुरुष पूज्य गुरुदेव पं( श्रीराम शर्मा आचार्य, युगऋषि जिनने साधना-सूत्रों को सरलमत बना दिया