अन्येशां च न सिद्धिः स्यात्तस्माद् यत्नेन साधयेत्॥ शिव संहिता।
श्रद्धावान व्यक्ति को ही सिद्धि मिलती है। दूसरे को नहीं इसलिए प्रयत्न और श्रद्धापूर्वक साधना करे।