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प्रज्ञावतार हमारे गुरुदेव
प्रज्ञावतार हमारे गुरुदेव
पुरुषार्थ चतुष्टय के थे वे साकार भाव विग्रह
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प्रज्ञावतार हमारे गुरुदेव
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GUJRATI
પ્રજ્ઞાવતાર અમારા ગુરુદેવ
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ENGLISH
Gurudev Prophet Of New Era
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Page Titles
संस्कृति पुरुष परम पूज्य गुरुदेव
देव पुरुष का अवतरण
संस्कृति के पुण्य प्रवाह को मिला नव जीवन
उपनयन संस्कारों ने जगाई साधक की अभिप्सा
गुरुरेव परब्रह्म
पूर्व जन्म की अनुभूति ने कराया आत्म बोध
वेदमाता उनकी चेतना में अवतरित हुई
श्रद्धा हुई प्रगाढ़ तीन पावन प्रतीकों से
गृहस्थ ही बना एक तपोवन
देवात्मा हिमालय था उनका अभिभावक
यज्ञमय जीवन से उमगती तप की ज्वाला
पुरुषार्थ चतुष्टय के थे वे साकार भाव विग्रह
उन्होंने सुनी आर्ष साहित्य की पुकार
गुह्यविद्या और भारतीय विज्ञान का उद्धार
संस्कारों के माध्यम से संस्कृति की प्रतिष्ठा
वयं राष्ट्रे जागृयाम पुरोहिता:
तीर्थ चेतना के उन्नायक
लोक शिक्षण करने वाले परिष्कृत धर्मतंत्र के संस्थापक
उदारचरितानां तु वसुधैव कुटुम्बकम्
लोकनायक निर्माण की परम्परा का नवोन्मेष
पर्वों को दी चैतन्यता एवं सुसंस्कारिता
ऋषि परम्पराओं को नवजीवन दिया युगऋषि ने
विज्ञान व अध्यात्म के समन्वय ने दिया संस्कृति को नया मोड़
सांस्कृति संवेदना को मिला मूर्त रूप
सांस्कृतिक क्रान्ति के अग्रदूत
नवयुग में संस्कृति पुरुष की चेतना का नवोदय
संस्कृति पुरुष की वसीयत और विरासत
ॐ भू र्भुवः स्वः
तत्
स
वि
तु (र्)
व
रे
णि
यं
भ
र्गो
दे
व
स्य
धी
म
हि
धि
यो
यो
नः
प्र
चो
द
या
त्
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