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जिन्दगी जीने की...
जिन्दगी जीने की कला
जीवन का यर्थाथ मूल्यांकन
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जिन्दगी जीने की कला
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Page Titles
जिन्दगी जीने की समस्या
जिन्दगी जीने की विद्या भी सीखी जाय
जिन्दगी कैसे जियें ?
सफलता के सूत्र
जिन्दगी खेल की तरह जियें
जीवन महान् कैसे बने?
जिन्दगी कलात्मक एवं सुरचि पूर्ण ढ़ग से जियें
बात केवल रुख बदलने भर की है
महानता की प्राप्ति और उसके साधन
जीवन का यर्थाथ मूल्यांकन
दूसरों को भी ध्यान रखिये
हम मानव मात्र के लिये जियें
मनुष्य-जीवन का सत्य-हास्य
जीवन में हास्य की उपयोगिता और आवश्यकता
हँसिये और जीवन को मधुमय बनाइये
जीने का आनन्द उत्साह से मिलेगा
प्रसन्न यों रहा जा सकता है
शक्ति का स्रोत संघर्ष
संघर्ष से भागिये मत
आपत्तियों से हमें डरना नहीं
हमारा स्वार्थ ओछा और सुख अवास्तविक न हो
अपने दोषों को भी देखा कीजिये
अनुशासन में रहा कीजिये
क्रोध आवश्यक भी है
वाक् शक्ति का दुरुपयोग न करें
हमारी प्रत्येक इच्छा पवित्र और प्रखर बने
धैर्य रखिये-उतावली मत कीजिये
बात करने से पूर्व इन बातों को समझिये
मैत्री भावना का विकास करें
हम आशावादी बनें
मित्रता में सतर्कता की आवश्यकता
सज्जनों से ही मित्रता करें
जीवन की छोटी किन्तु महत्त्वपूर्ण बातें
सम्मान इस तरह मिलता है
ॐ भू र्भुवः स्वः
तत्
स
वि
तु (र्)
व
रे
णि
यं
भ
र्गो
दे
व
स्य
धी
म
हि
धि
यो
यो
नः
प्र
चो
द
या
त्
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